Saturday 27 February 2021

तम्बाकू केवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं के माध्यम से बेचा जाना चाहिए

By 121 News

Chandigarh Feb. 27, 2021:- हाल ही में जारी रिपोर्ट - भारत में तम्बाकू विक्रेता लाइसेंसिंग के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा में यह सफारिश की गई है कि सभी खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के पास तंबाकू उत्पाद बेचने का लाइसेंस होना चाहिए। तम्बाकू और उत्पादों की बिक्री में लगे सभी परिसरों में इन लाइसेंसों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए और इन्हें हर साल नवीनीकृत किया जाना चाहिए।

एनजीओ कंज्यूमर वॉयस की लगातार मांग रही है, जिसमें हरियाणा से आग्रह किया गया है कि सरकार तंबाकू उत्पादों से लोगों की सुरक्षा के लिए तंबाकू वेंडर लाइसेंस प्रणाली को अपनाए।  भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस-2) रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 39.1 फीसदी पुरुष, 6.3 फीसदी महिलाएं और 23.6 फीसदी सभी वयस्क या तो धूम्रपान करते हैं और / या धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं।

कंज्यूमर वॉयस के सीओओ  श्री आशिम सान्याल ने कहा कि युवाओं और बच्चों को आजीवन  दुख और पीड़ा से बचाने के लिए तम्बाकू उत्पादों को दुर्गम बनाना  अत्यावश्यक है ताकि उन्हें जीवन जा सके। इन व्यसनी उत्पादों की बिक्री, विपणन और उपयोग को विनियमित करके भारत में तंबाकू महामारी  पर लगाम लगाना बहुत गंभीर विषय बन चुका है, खासकर इस चुनौतीपूर्ण समय में। अधिकृत, लाइसेंस प्राप्त दुकानों / विक्रेताओं के माध्यम से तम्बाकू उत्पादों की बिक्री स्वास्थ्य को बढ़ावा देगी और हरियाणा के लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और भलाई को आगे बढ़ाने के सरकार का प्रमुख कार्य पूरा करेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट, बीड़ी और चबाने वाले तंबाकू उत्पाद बेचने वाले विक्रेताओं के लिए लाइसेंस जरूरी करने से तंबाकू नियंत्रण कानून और नीतियों का प्रभावी प्रवर्तन भी आसान हो जाएगा।

चेयर ऑन कंज्यूमर लॉ एंड प्रैक्टिस, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत में तंबाकू उत्पादों के निर्माण, बिक्री और उपयोग को विनियमित करने के लिए वेंडर लाइसेंसिंग की अवधारणा का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट  मौजूदा कानून और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप तम्बाकू विक्रेता लाइसेंस के लिए एक मॉडल रूपरेखा का प्रस्ताव पेश करती है।

नियामक दृष्टिकोण के रूप में, राज्य / नगरपालिका स्तर पर तंबाकू विक्रेता लाइसेंस एक व्यापक उपाय है जो इसके एच्छिक प्रभाव में बेहद प्रभावी हो सकता है। सुझाए गए वेंडर लाइसेंसिंग का उपयोग खुदरा वातावरण में तंबाकू उत्पादों तक पहुंच और जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की नीतियों को लागू करने के लिए किया जा सकता है, जो इसे स्थानीय सरकारों के लिए एक विशाल मूलभूत नियामक उपकरण बनाता है।

एनएलएसआईयू रिपोर्ट के मॉडल तंबाकू विक्रेता लाइसेंस कानून के अनुसार सभी तंबाकू विक्रेताओं, चाहे वे खुदरा विक्रेताओं या थोक विक्रेताओं हों, के पास एक लाइसेंस होना चाहिए जो 12 महीने की अवधि के लिए वैध होगा, लाइसेंस नॉन-असाइनेबल और ट्रांसफर्बेल  होना चाहिए और सालाना नवीनीकृत होना चाहिए; लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सभी आवेदकों को तंबाकू नियंत्रण कानूनों का पालन करना चाहिए; विक्रेताओं को तम्बाकू लाइसेंस विशेष रूप से तम्बाकू उत्पादों की बिक्री के लिए दिया जाना चाहिए और तंबाकू उत्पादों के साथ टॉफी, कैंडी, बिस्कुट, चिप्स आदि जैसे गैर-तंबाकू उत्पादों की बिक्री निषेध होनी चाहिए; तंबाकू उत्पादों की बिक्री में लगे सभी परिसरों में सभी तंबाकू लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए; लाइसेंस के नियमों और शर्तों के उल्लंघन पर क्रमवार जुर्माने, लाइसेंस निलंबन और लाइसेंस को रद्द करने का प्रावधान होना चाहिए

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