Saturday, 22 March 2025

चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी ने चंडीगढ़ लिट फेस्ट 'लिटराटी – स्प्रिंग एडिशन 2025' का किया आयोजन

By 121 News
Chandigarh, Mar.22, 2025:- चंडीगढ़ की खूबसूरत वादियों में बसंत की ताज़गी और रंगों की छटा के बीच चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी (सीएलएस) ने चंडीगढ़ लिट फेस्ट (सीएलएफ) लिटराटी – स्प्रिंग एडिशन 2025 का आयोजन किया। सीआईआई हेडक्वार्टर, सेक्टर 31, चंडीगढ़ में आयोजित इस साहित्यिक महोत्सव ने कला और साहित्य का खूबसूरत संगम प्रस्तुत किया।

फेस्टिवल ऑफ आइडियाज़' के थीम पर आधारित इस एक दिवसीय लिटराटी आयोजन में देशभर से लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इसमें विचारोत्तेजक चर्चाएं, कहानी बयां करने कला और रचनात्मक प्रेरणा के सत्र शामिल रहे।

सीएलएफ लिटराटी की फेस्टिवल डायरेक्टर, सीएलएस की चेयरपर्सन और प्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सुमिता मिश्रा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि लिटराटी – स्प्रिंग एडिशन 2025 रचनात्मकता, बौद्धिकता और कल्पनाशीलता का फेस्ट है। इस वर्ष की थीम ' फेस्टिवल ऑफ आइडियाज़' साहित्य की उस भावना को समर्पित है जो विचार, संवाद और खोज को प्रोत्साहित करती है।

उन्होंने आगे कहा कि लिटराटी सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां प्रतिष्ठित आवाज़ों के साथ-साथ उभरती हुई प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन मिलता है। सीएलएस नए कवियों, लेखकों और विचारकों के लिए अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। युवा और अनुभवी लेखकों को एक मंच पर आकर विचार साझा करते देखना बेहद सुखद है।

लिट फेस्ट की शुरुआत एक विचारोत्तेजक सत्र 'टीयर्स, चीयर्स एंड फीयर्स: द इमोशनल इंटेलिजेंस सर्वाइवल किट' से हुई, जिसमें आंचल बेदी, शिवम और कर्नल सुनील प्रेम ने आज के दौर में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका और महत्व पर चर्चा की।

शिवम ने कहा कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता हमारी भावनाओं के स्रोत को समझने और उनके प्रति सोच-समझकर व समझदारी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता है। अपनी पुस्तक 'द पावर ऑफ ह्यूमन कॉन्शियस पैटर्न' से किस्से साझा करते हुए कर्नल सुनील ने कहा कि यदि हम अपनी भावनात्मक आदतों पर नियंत्रण पा लें, तो अपने जीवन में असीमित संभावनाओं को खोल सकते हैं।

आंचल ने कहा कि बच्चों की दूसरों से तुलना करना वास्तव में उनकी क्षमता को नष्ट कर देता है। इसके बजाय, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों का मार्गदर्शन प्रेम और सहयोग के साथ करें।

इसके बाद 'मेटाफर्स बी विद यू: द पावर ऑफ स्टोरीटेलिंग' सत्र में प्रसिद्ध लेखिकाएं मंजू जैदका और नीलकमल पुरी ने लेखन में मेटाफर्स की भूमिका और महत्व पर चर्चा की। मंजू जैदका  ने कहा कि मेटाफर्स (रूपक)कहानी कहने की एक शक्तिशाली विधा है, लेकिन यह लेखन की कला का केवल एक हिस्सा है। नीलकमल पुरी ने मेटाफर्स को ऐसी तुलना बताया जो असंबंधित चीजों को जोड़कर पाठकों की कल्पना में जीवंत चित्र बनाती है।

'शी-ई-ओ: लीडिंग विद ग्रिट एंड ग्रेस' सत्र में लेखिकाएं लोचन नारायणन और अमृता त्रिपाठी ने महिला सीईओ के नेतृत्व और चुनौतियों पर चर्चा की। इस दौरान लोचन नारायणन की पुस्तक 'कैरियर हीस्ट' का विमोचन भी हुआ।

'नग़्मे और नज़्म – आत्मा की आवाज़' सत्र में कस्तूरीका मिश्रा, गुरदीप कौर गुल और प्रेम विज ने अन्नू रानी शर्मा के साथ कविता और अभिव्यक्ति पर संवाद किया।

सत्र 'द साइलेंट वॉरियर: लाइफ एज़ अ सोल्ज़रस फैमिली' में नवनीत ग्रेवाल के साथ एक दिल से जुड़ी बातचीत हुई, जिसमें स्व. ब्रिगेडियर लखबिंदर सिंह 'टोनी' लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर और बेटी आशना लिड्डर ने शक्ति और बलिदान पर अपने अनुभव साझा किए। ब्रिगेडियर लिड्डर ने 2021 में भारतीय वायुसेना के मिल एमआई-17 क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के साथ अपनी जान गवां दी थी।

गीतिका लिड्डर ने अपनी नई पुस्तक 'आई एम ए सोल्जर्स वाइफ – द लाइफ एंड लव ऑफ टोनी लिड्डर' के बारे में कहा, "यह सिर्फ़ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि मेरे पति की याद में एक श्रद्धांजलि है, जिसमें उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है—एक पिता, बेटा, दोस्त, पति और सैनिक के रूप में।"
'एस्थेटिक्स एंड आइडेंटिटी सत्र में एक्सप्लोरिंग इंडियन आर्ट एंड हेरिटेज' सत्र के दौरान ज्योति सेठ के साथ एक प्रेरणादायक बातचीत में प्रसिद्ध लेखिका और इतिहासकार आल्का पांडे ने अपनी जीवन यात्रा के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला।

'ब्रेवहर्ट्स ऑफ द नेशन में बलिदान और साहस की कहानियां' सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने सुनीना जैन के साथ अपनी पुस्तक 'ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेव: द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ नायब सूबेदार चुन्नी लाल, एसी, वीआरसी, एसएम' पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तकें हमेशा वीरता की प्रेरणादायक कहानियाँ प्रस्तुत करती हैं, जो भारत की सशस्त्र सेनाओं के असाधारण जीवन को उजागर करती हैं।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अपनी पहली किताब के उद्घाटन अध्याय में 'उरी सर्जिकल स्ट्राइक' पर फोकस किया गया है। जनरल दुआ उस समय जम्मू और कश्मीर के कोर कमांडर थे और उन्होंने उस प्रसिद्ध सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीतिक योजना और निष्पादन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैं पूरी श्रेय उन बहादुर सैनिकों को देता हूँ जिन्होंने इस मिशन को सफलता पूर्वक  अंजाम दिया।

जनरल दुआ ने उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की भी सराहना की, उनकी 'त्वरित निर्णय' के लिए। उन्होंने कहा, "मैं यह जोड़ना चाहूंगा कि उस समय के रक्षा मंत्री, स्व. मनोहर पर्रिकर ने बिना समय गवाए स्ट्राइक का आदेश दिया, और उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"

एक अन्य सत्र 'फॉर बेटर ऑर वर्स: इकोज़ एंड इमोशन्स' में कवि सुदीप सेन ने झिलम चट्टराज के साथ बातचीत करते हुए अपनी पुस्तक 'एंथ्रोपोसीन: क्लाइमेट चेंज, कंटेज़न, कंसोलेशन' के बारे में बताया, जो मानवता के सामने आने वाले सबसे बड़े मुद्दों पर एक साहित्यिक और कलात्मक प्रतिक्रिया है।

एवार्ड-विनिंग फोटोग्राफर रघु राय, रचना सिंह के साथ बातचीत करते हुए, फोटोग्राफी, कहानी कहने और दृश्य कला की लगातार बदलती दुनिया में अपनी अद्भुत यात्रा को साझा किया। राय ने कहा कि अगर सृजनात्मकता में दिव्यता नहीं है, तो यह सब सिर्फ व्यापार होता है—चाहे वह संगीत हो, कला हो, कविता हो या फोटोग्राफी। यह दिव्य ही है जो हमारी रचनात्मकता को जागृत करता है। बाहरी परिदृश्य को सही से पकड़ने के लिए, सबसे पहले हमें आंतरिक परिदृश्य को देखना चाहिए।

राय ने अमृता प्रीतम, मदर टेरेसा, दलाई लामा, इंदिरा गांधी और अन्य महान व्यक्तित्वों से अपने अनुभवों पर भी विचार किया। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तित्वों के साथ उनके अनुभवों ने उनके जीवन की दिशा को गहरे तरीके से प्रभावित किया।

फेस्ट में 'कैरियर हाईस्ट', 'आई एम ए सोल्ज़र'स वाइफ - द लाइफ एंड लव ऑफ टोनी लिड्डर', 'ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेव - द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ नायब सूबेदार चुन्नी लाल, एसी, वीआरसी, एसएम' और लिली स्वर्ण की 'ए बीजवेल्ड टियारा' पुस्तकों का चंडीगढ़ में विमोचन हुआ।

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