By 121 News
Chandigarh July 07, 2021:- इस क्षेत्र के सबसे अधिक मांग में रहने वाली चर्चित लेखकों में से एक, डॉ.राणा प्रीत गिल ने अब अपनी चौथी पुस्तक, माया को रिलीज किया है, जो कि दो किशोर बहनों की कहानी को रेखांकित करती है, जो अपनी उम्र के साथ ही बड़ी होती कई सारी चुनौतियों का सामना करती हैं।
यह कहानी माया और जीनिया की जिंदगी से जुड़ी है जो कि द्वारका के एक उपनगर में मौजूद गैलेक्सी अपार्टमेंट में अपनी मां के साथ रहती हैं। माया, छोटी बहन है जो कि अपने आप को काफी असुरक्षित महसूस करती है औइ काफी सारी नकारात्मकता से भरी है क्योंकि बचपन में एक भयानक रोग चिकन पॉक्स से प्रभावित होने के बाद उसके चेहरे पर कुछ निशान बाकी बचे रह गए थे। जीनिया की खूबसूरती और आकर्षण सभी को प्रभावित करता है और उसके शारीरिक लक्षणों की लगातार माया से होने वाली तुलना उनके बीच एक दरार पैदा कर देती है और जिंदगी के एक मोड़ पर आकर माया कुछ ऐसा कर गुजरती है जो उसे नहीं करना चाहिए!
कहानी के कई सारे पात्रों की मनोस्थिति और अन्य परिस्थितियों पर अपना एक दृष्टिकोण प्रदान करते हुए, डॉ.गिल का कहना है कि यह किताब कुछ हद तक सहोदर प्रतिद्वंद्विता यानि भाई-बहनों के बीचे में होने वाली नैसर्गिक प्रतिस्पर्धा के बारे में है और ये कहानी आंशिक रूप से एक वास्तविक जीवन की घटना से प्रेरित है जिसने एक किशोर के रूप में मेरा ध्यान खींचा। इस कहानी में कई सारे दिलचस्प मोड़ हैं और उनको मैं यहां पर वर्णित नहीं करूंगी। उनके बारे में जानने के लिए आपको किताब पढ़ने की जरूरत है!
महामारी के दौरान इस पुस्तक को लिखने के उनके अनुभव के बारे में पूछे जाने पर, डॉ.गिल ने विनम्रता से बताया कि मैंने महामारी के दौरान अपना अधिकांश समय एक नई किताब के लिए पढ़ने और शोध करने में बिताया था, जो एक नॉन-फिक्शन प्रोजेक्ट है। महामारी का समय हम सभी के लिए बहुत कठिन रहा है। मेरे लिए, पढ़ना बहुत सहायक साबित हुआ और इसने एक दवा का काम किया। इस दौरान लेखन के लिए जो समय मिला, वह मेरे लिए एक वरदान के रूप में था। इसने मुझे अभूतपूर्व समय से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में बहुत मदद की।
उनका कहना है कि वर्तमान दौर के चुनौतीपूर्ण और कड़ी परीक्षा लेने वाले समय में सकारात्मक बने रहना होगा और इस महामारी के संबंध में एहतियाती उपायों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। मास्क पहनने के साथ टीकाकरण और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना सबसे जरूरी है। हम में से प्रत्येक अपने स्वयं के स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण की जिम्मेदारी लेकर ही आगे बढ़ सकता है। मुझे विश्वास है कि महामारी अंतत: समाप्त हो जाएगी। हमें सुरक्षा उपायों पर सचेत रूप से काम करने की जरूरत है और उनका पालन करना चाहिए। यह मुश्किल समय भी गुजर जाएगा!
डॉ.गिल खुद को प्रेरित और सक्रिय रखने के लिए महामारी के दौरान भी लगातार लेखकों और साहित्यकारों के साथ ऑनलाइन सेशंस में हिस्सा लेती रही हैं। इस दौरान वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म माझा हाउस पर भी लगातार देश-विदेश के जाने माने और महान लेखकों के साथ दिलचस्प सेशंस में शामिल होती रही हैं। उनकी नवीनतम पुस्तक, माया, विभिन्न बुक स्टोर्स और अमेज़ॅन पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।
लेखक परिचय:
डॉ.राणा प्रीत गिल रचनात्मक लेखकों के सर्कल में एक जाना-माना नाम है और पशुपालन विभाग, पंजाब में कार्यरत हैं और वे इस समय होशियारपुर जिला में पशु चिकित्सा अधिकारी हैं। द ट्रिब्यून, हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, द स्टेट्समैन, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, डेक्कन हेराल्ड, द हितवादा, डेली पोस्ट, वीमेन्स एरा, कॉमनवेल्थ राइटर्स जर्नल, हिमाल, स्पिलवर्ड्स प्रेस, बॉर्डरलेस जर्नल, सेतु द्विभाषी, एक्टिव मूस और इंडियन रुमिनेशन सहित प्रमुख अंग्रेजी अखबारों और पत्रिकाओं में उनके संपादकीय कॉलम और कहानियां प्रमुखता से प्रकाशित होती रहती हैं।
उनकी अब तक तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से दो उपन्यास शामिल हैं, जैसे कि कॉलेज ईयर्स, द मिसएडवेंचर्स ऑफ ए वेट और मिडिल्स का एक कलेक्शन है जिसे उन्होंने फाइंडिंग जूलिया के नाम से प्रकाशित किया है।
एक प्रभावशाली वक्ता, डॉ.गिल को अक्सर स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न मुद्दों पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। वह इंस्टाग्राम और ट्विटर पर ञ्चष्ठह्म्क्रड्डठ्ठड्डक्कह्म्द्गद्गह्लत्रद्बद्यद्य के नाम से सक्रिय हैं और वे 'म्यूजिंग ऑफ ए वेट' नाम वाला फेसबुक पेज भी संचालित करती हैं।
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