By 121 News
Chandigarh July 18, 2021:-हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया है कि नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। इस सरकार में आम आदमी के धैर्य की इतनी परीक्षा क्यों ली जा रही है? महंगाई ने आम जनता के लिए दो वक्त की रोटी भी मुश्किल कर दी। भ्रष्टाचार तंत्र उसका गला घोंटने की कोशिश कर रहा है । सरकार की गलत नीतियों से विकास में प्रदेश कोसों दूर चला गया है।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एक सांसद ने सरेआम स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका। वायरल हो चुके एक वीडियो क्लिप में सांसद ने रजिस्ट्री व प्रॉपर्टी आईडी मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का जिक्र किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय निकायों का गठन आम शहरवासियों की तकलीफें दूर करने के लिए किया गया था परंतु प्रदेश की गठबंधन सरकार में ये निकाय लूट केंद्रों में बदल चुके।
उन्होंने कहा कि कई निगमों, परिषदों, पालिकाओं में भ्रष्टाचार व घोटाले के मामले सामने आ चुके लेकिन सरकार किसी पर कार्रवाई करने से झिझक रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय निकायों में मकान, प्लॉट खरीदने-बेचने से लेकर एनओसी, मकान का नक्शा पास करने , कंप्लीशन प्रणामपत्र व प्रॉपर्टी आईडी लेने जैसा कोई भी काम बिना रिश्वत के नहीं हो रहा । विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से शहरों में अवैध कॉलोनियां राजनीतिक संरक्षण में काटी जा रही हैं। इस मकड़जाल के कारण कई शहरों में आम जनता की मेहनत की कमाई से बने घरौंदों को पलभर में रौंद में दिया जाता है। मंत्री, विधायक अपने चहेतों को निकायों में पोस्टिंग दिलवा रहे हैं।
शहरी निकाय विभाग गृह मंत्री मंत्री अनिल विज के पास है जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मामलों पर तो बयानबाजी कर सुर्खियों में आने की कोशिश करते हैं, लेकिन अपने विभाग को तरीके से संभाल नहीं पा रहे । उनको चाहिए कि स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली को सुधारें, पब्लिक डीलिंग के तमाम कामों में पूरी पारदर्शिता लाएं।
उन्होंने कहा कि कई निगमों, परिषदों, पालिकाओं में भ्रष्टाचार व घोटाले के मामले सामने आ चुके लेकिन सरकार किसी पर कार्रवाई करने से झिझक रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय निकायों में मकान, प्लॉट खरीदने-बेचने से लेकर एनओसी, मकान का नक्शा पास करने , कंप्लीशन प्रणामपत्र व प्रॉपर्टी आईडी लेने जैसा कोई भी काम बिना रिश्वत के नहीं हो रहा । विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से शहरों में अवैध कॉलोनियां राजनीतिक संरक्षण में काटी जा रही हैं। इस मकड़जाल के कारण कई शहरों में आम जनता की मेहनत की कमाई से बने घरौंदों को पलभर में रौंद में दिया जाता है। मंत्री, विधायक अपने चहेतों को निकायों में पोस्टिंग दिलवा रहे हैं।
शहरी निकाय विभाग गृह मंत्री मंत्री अनिल विज के पास है जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मामलों पर तो बयानबाजी कर सुर्खियों में आने की कोशिश करते हैं, लेकिन अपने विभाग को तरीके से संभाल नहीं पा रहे । उनको चाहिए कि स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली को सुधारें, पब्लिक डीलिंग के तमाम कामों में पूरी पारदर्शिता लाएं।
No comments:
Post a Comment