Monday, 14 June 2021

गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर गुरूद्वारों में लगी संगतों की भीड़



गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर गुरूद्वारों में लगी संगतों की भीड़

बड़ी संख्या में संगत ने गुरुद्वारा साहिब में शीश नवा लिया आशीर्वाद


By 121 News
Chandigarh June 14, 2021:-
धर्म रक्षक और मानवता के सच्चे प्रेमी थे गुरु अर्जुन देव जी। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी का नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में ही व्यतीत किया। साल 1606 में लाहौर में मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हें बंदी बना लिया था और मृत्युदंग की सजा सुनाई थी।
गुरु अर्जुन देव जी धर्म रक्षक और मानवता के सच्चे सेवक थे और उनके मन में सभी धर्मों के लिए सम्मान था। मुगलकाल में अकबर, गुरु अर्जुन देव के मुरीद थे। गुरू अर्जुन देव जी को शहीदों के सरताज भी कहा जाता है और यह कहा जाता है कि सबसे पहले शहीदी गुरू अर्जुन देव जी ने दी थी 
गुरू अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस ट्राईसिटी चंडीगढ़ पंचकूला और मोहाली में बड़ी श्रद्धाभाव से मनाया गया। इसको को लेकर सोमवार को सभी गुरूद्वारा में गुरू पाठ किया गया और सर्व संगत के सकुशल मंगल बने रहने की अरदास की गई। 
सेक्टर 19 स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में भी शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में  बड़ी संख्या में संगत ने शीश नवाया। इस अवसर पर गुरूद्वारे में संगत के लिए ठंडे और मीठे पानी की छबील लगाई गई और गुरु का लंगर भी बरताया गया। गुरुद्वारा साहिब के प्रधान तेजिन्दरपाल सिंह ने  बताया कि गुरू अर्जुन देव जी शहीदों के सरताज थे। जो जुल्म के आगे नहीं झुके। मुगलों के जोर जुळ्म के आगे भी नहीं झुके और सिख संगत व पूरी मानवता को संदेश दिया। प्रधान तजिंदर पाल सिंह ने बताया कि इस बार हमने को भी कॉविड कि सारी गाइडलाइन का पालन किया है और इस बार नगर कीर्तन भी नहीं निकाला गया। गुरुद्वारे में भी बिना मास्क के किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा। सैनिटाइजर गुरुद्वारे के बाहर रखा गया है, लोग हाथों को सैनिटाइजर करके अंदर माथा टेकने जा रहे हैं, तो  सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा जा रहा है। प्रधान तेजिन्दरपाल ने यह भी कहा कि हम उस सतगुरु सच्चे पातशाह, वाहेगुरु से अरदास कर रहे हैं कि कोरोना से जल्दी से जल्दी लोगों को राहत मिले और सब राजी खुशी तन्दरुस्त रहें।

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