Thursday, 5 November 2020

सीआईआई ने सरकारों और किसान समूहों से कृषि बिलों पर मौजूदा गतिरोध का समाधान खोजने का किया आह्वान

सीआईआई ने सरकारों और किसान समूहों से कृषि बिलों पर मौजूदा गतिरोध का समाधान खोजने का किया आह्वान


चंडीगढ़,सभी समानता(हरजिंदर चौहान)--किसान संगठनों के आंदोलन के कारण चल रही आर्थिक और रेल नाकेबंदी के मद्देनजर पंजाब की अर्थव्यवस्था और उद्योग राज्य पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सीआईआई ने केंद्र और राज्य सरकारों और किसान संगठनों दोनों से एक उत्कट अपील जारी की है कि वे एक साथ आएं और इस संकट को समाप्त करने के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान ढूंढें ।

सीआईआई पंजाब स्टेट काउंसिल के चेयरमैन और रजनीश इंटरनेशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल आहूजा ने अपने बयान में कहा है कि लोकतंत्र में हर किसी को शांतिपूर्ण विरोध और आंदोलन के लिए अपने उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है। हम समझते हैं कि हाल ही में पारित कृषि अधिनियमों के संबंध में किसानों को कुछ आपत्तियां हो सकती हैं ।हालांकि इस आंदोलन से न केवल बड़े व्यवसायों को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि स्थानीय उद्योग, कारखानों में श्रम, लॉजिस्टिक प्रदाता, छोटे किरनों स्टोरों पर भी प्रभाव पड़ रहा है, जो आपूर्ति प्राप्त करने में असमर्थ हैं, दैनिक मजदूरी कमाने वाले और यहां तक कि छोटे किसान जो बड़े स्टोर प्रारूप के माध्यम से ताजा और प्रसंस्कृत कृषि उपज बेच रहे थे।

राहुल आहूजा ने कहा कि यह नाकाबंदी जितनी अधिक जारी होगी, उतना ही अधिक नुकसान पंजाब की समग्र छवि को निवेश और व्यावसायिक गंतव्य के रूप में लाएगा, जिसे वर्तमान के साथ-साथ पहले की राज्य सरकारों ने बड़ी मेहनत से निर्माण करने की कोशिश की थी ।उद्योग पहले ही कोविड और इस वर्ष के शुरू में लगाए गए लॉक डाउन के कारण तनाव से जूझ रहा था, मौजूदा संकट ने स्थानीय उद्योग और व्यवसायों को और कमजोर स्थिति में डाल दिया है|

भावदीप सरदाना, वाइस चेयरमैन, सीआईआई पंजाब राज्य और सीनियर वीपी और सीईओ, सुखजीत स्टार्च एंड केमिकल्स ने साझा किया कि चल रहे आंदोलन और नाकेबंदी के कारण उद्योग सभी सिरों से पीड़ित है । चाहे वह हमारे कारखानों को कच्चे माल और अर्ध-तैयार माल की आपूर्ति हो या बासमती, यार्न और वस्त्र, हाथ उपकरण, खेल और चमड़े के सामान और विभिन्न अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, कंटेनर फ्रेट स्टेशनों और पारगमन में अटकी अन्य वस्तुओं को ले जाने वाले निर्यात बाध्य लदान और अब बिजली संयंत्रों के साथ भी बंद होने की ओर घूर रहा है, राज्य में उद्योग एक आभासी पड़ाव पर आ गया है।

भावदीप सरदाना ने आगे कहा कि मौजूदा संकट ने बाजार में कार्यशील पूंजी और तरलता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है क्योंकि निर्यातक आमतौर पर ग्राहकों से उनका भुगतान तभी प्राप्त करते हैं जब वे उन्हें लदान प्रति का बिल भेजते हैं, जो एक बार कंटेनर को पोत में लोड करने के बाद ही संभव है ।इस संकट को जारी रखने का मतलब पंजाब से उद्योग, निवेश, नौकरियों और पूंजी की उड़ान होगी जिसे वह इस समय बर्दाश्त नहीं कर सकता।

सरकारों और किसान समूहों से अपील करते हुए सीआईआई ने सीएम पंजाब के साथ बैठक कर राज्य में उद्योग और कारोबारियों को हो रही परेशानियों से सरकार को अवगत कराने और इस संकट को खत्म करने के लिए मदद मांगने का भी अनुरोध किया है।

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