चंडीगढ़ (हरजिंदर चौहान)
सभी समानता-- चंडीगढ़ में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है चंडीगढ़ सैक्टर 7 और सैक्टर 28 की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा बंदरों का आतंक है। यहां के निवासी बंदरों से तंग है और कई बार अपनी इस समस्या से प्रशासन को अवगत भी करवा चुके हैं। लेकिन अभी तक इस पर कुछ भी नहीं हो पाया। आए दिन राह चलते यह बंदरों को झुंड किसी पर टूट पड़ता है। किसी को भी काट के भाग जाता है। जिसके कारण यहां कई लोग घायल भी हो जाते हैं। सैक्टर 7 के स्पोर्टस कांप्लेक्स की ओर जाने वाली इस रोड़ पर आज बंदरों ने कई लोगों को काटा। आज इसी रोड से पत्रकार विनोद शर्मा जब अपने किसी कार्य से जा रहे थे, तो चलती बाइक पर दो बंदर उन पर अचानक झपट पड़े और उन्हें कंघों पर काट गए। जिसमें पत्रकार विनोद शर्मा बाल बाल बच गए। अगर वह थोड़ा सा भी मोटरसाईकिल को नियंत्रण न कर पाते तो वह बड़ी दुर्घटना के शिकार हो सकते थे। लोगों ने बताया कि आए दिन यहां पर बंदरों द्वारा काटने की घटनाएं होती रहती है और कई बार बंदरों के कारण लोग दुर्घटनाओं के शिकार भी हो जाते हैं। वो कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान बिल्कुल भी नहीं है।
ओर सबसे बड़ी बात बंदरों के काटने के बाद जब सेक्टर 16 अस्पताल जाया जाए तो वहां इसकी सीरम ही उपलब्ध नही है ।चंडीगढ़ मे सेक्टर 19 ओर सेक्टर 38 की डिस्पेंसरी मे तो ये सीरम है, लेकिन ये दोनों डिस्पेंसरी दोपहर 2 बजे बन्द हो जाती है । अगर इसके बाद किसी व्यक्ति को इलाज़ के लिए सीरम लगानी पड़े तो वो लगा ही नही पाता है, उसे अगले दिन तक इंतज़ार करना पड़ता है।
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