By 121 News
Chandigarh 11th April:- श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ द्वारा आयोजित विराट 46वां वार्षिक धर्म सम्मेलन प्रारम्भ हो गया है। विगत 45 वर्षों से हर साल इस अदभुत सम्मेलन में भाग लेने के लिये देश के विभिन्न भागों से वैष्णव सन्त आते हैं। यह सम्मेलन 10 अप्रैल को बच्चों द्वारा रंगारंग आध्यात्मिक लीला-अभिनय से प्रारम्भ हुआ और 16 अप्रैल विशाल रथ यात्रा के साथ समाप्त होगा।
सम्मेलन की प्रथम सभा को सम्बोधन करते हुये कोलकाता से आये श्री आचार्य महाराज जी ने कहा कि हरिनाम संकीर्तन के प्रवर्तक व शान्ति के दूत भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु जी ने बताया कि जगत में शान्ति स्थापित करने का एक ही उपाय है- वह है भगवद् प्रेम। भगवद् प्रेम तो सभी के अन्दर है बस जरूरत है तो उसे जगाने की। जब हम भगवान से प्रेम करेंगे तो उसके अन्य बच्चों से भी स्वत: प्रेम हो जायेगा।
दिल्ली से पधरे सभा के दूसरे वक्ता श्रीमहावीर महाराज जी ने बाताया कि धर्म कभी लड़ाई नहीं करवाता बल्कि सभी को सूत्रों में पिरोता है। हमारे देश में जितने भी समाचार पत्र हैं उनमें राजनैतिक बातें ज्यादा होती हैं, धर्मिक बहुत कम अगर होती हैं, तो बहुत छोटी सी। कारण, मनुष्य का स्वभाव है दूसरों की बुराईयां व अपनी अच्छाइयां सुनना पसन्द करता है। यदि किसी समाचार पत्रा में धर्म की बात ज्यादा होती है तो उसकी बिक्री ही कम हो जाती है। धर्म को, सच्चाई को, श्रीमहाप्रभुजी की बात को कोई अगर नहीं मानेगा तो उनका कुछ नहीं बिगडेगा। जैसे कोई कहे मैं आग को नहीं मानता और उसे थप्पड मार दे, तो आग का कुछ नहीं बिगडेगा, उल्टा थप्पड मारने वाले का हाथ जल जायेगा। आग को मानने से व्यक्ति का फायदा ही होगा। ऐसे ही भगवान की बात मानने से फायदा ही होगा।
अरुण सूद, मेयर चण्डीगढ. उक्त सभा में पधरे। उन्होंने सभी वैष्णव संतों से आशीर्वाद लीया और उपस्थित लोगों को श्रीराम नवमी की बधई दी। बाद में सभी में प्रसाद वितरण किया गया।
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