Thursday, 22 August 2013

मीड-डे मील के खाने में निकले कीड़े:परिजनों व स्थानियों नेता ने किया स्कूल में रोष प्रर्दशन

By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh 22nd, August:--- सिटी ब्यूटीफूल की पहचान उसके रहन-सहन, खाना-पीना और साफ सफाई के नाम से जान जाता है। यहां पर प्रशासन महिलाएं, बुजगों और बच्चों की सुरक्षा खाने पीने का खास ध्यान रखने के बड़े बड़े दावे करती है। लेकिन इन दावों की पोल उस समय ख्रुली जब चंडीगढ़ जैसे शहर में लगने वाले कॉलोनी नंबर-4 के सरकारी स्कूल की मीड-डे मील के खाने में किड़े निकल आए। सरकारी स्कूल की प्रिंसीपल ने इसकी जानकारी स्कूल के मैबरों को दी। जिसके बाद मीड-डे मील में काम करने वाली महिलाएं, स्कूल प्रशासन की टीचरों, स्थानिय निवासी और स्थानिय पार्षदों ने इस का विरोध शुरू कर दिया। यहां तक की उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी करते हुए स्कूल परिसर में जमकर हंगामा किया। इस संदर्भ में प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी गई और मौके पर खाने बनाने वाले अधिकारी भी पहुंचे। स्थानिय नेता ने इसकी सूचना पुलिस विभाग को भी दी , जिसके बाद मौके पर थाना पुलिस ने पहुंचकर खने के सैंपल भी एकत्र किए। हालांकि जब इस संदर्भ में चंडीगढ़ के एडवाईजर से पुछना चाहा तो वह कैमरे के आगे बीना कुछ कहे चलते बने। हैरानी की बात यह है कि एक दिन पहले भी मीड-डे मील में किड़े निकले थे जिस बात को दबा दिया गया था। लेकिन आज तो हद ही हो गई थी वहीं प्रशसान मासूम बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन आंखे मुंदे बैठा है और एक बड़े हादसे होने का इंतजार कर रहा है।
मीड-डे मील में काम कर रही महिलाओं ने बताया कि कल भी खाने में किड़े निकले थे। जिसकी जानकारी खाना लेकर आने वालों को कहा था। लेकिन हद तो जब हो गई जब आज फिर किड़े निकले इसकी जानकारी स्कूल की प्रिंसीपल को बताया। हैरानी की बात यह है कि खाने देने आए कर्मियों ने कहा यह तो आम बात है। वही जब मौके पर पहुंचे छाना बाने वाले ठेकेदार को वह किड़े दिखाए और वह खाकर बोलों यह की किड़ा नहीं लहुसन प्याज का खिलका है। यह खाना सैक्टर-42 17 से आता है इसमें मक्खी, मकड़ी , टिड़ा और ढोरे निकला है। आज सुबह 9.30 बजे आया था उन्हें भी बताया था।
होटल मैनेजमेंट के आधिकारी वी.के सेहगल का कहना है कि कॉलोनी नंबर-4 के सरकारी स्कूल में मीड-डे मिल में खाना उनके होटल मैनेजमेंट संस्थान सैक्टर-42 से आता है। हमारे संस्थान से कभी कोई शिकायत नहीं आई है। इस खाने में कहां से यह किड़े गिरे है। हो सकता है कि शायद लाने लिजाने में कीड़े गिरा हो सकता है। वहीं मैने भी खाकर देखा है मुझे प्याज का खिलका लगा है। इसी के साथ मैने भी खाने में मक्खी देखी है। अभी इसके बारे में जांच की जाएगी। खाने में कीड़े कहां से गिरे है।

स्थानिय नेता शाशी शंकार तिवारी का कहना है कि वह कॉलोनी नंबर-4 केसरकारी स्कूल की कमेटी का मैंबर हुँ। स्कूल प्रिंिसपल ने इस बारे में सूचना दी थी। वहीं मौके पर पहुंचकर देखा तो उसमें किड़े पाए गए। कल भी खने में किड़े निकले थे। उसे दबा दिया गया है। वहीं होटल मैनेजमेंट के अधिकारी पहले तो इसे मान नहीं रहे थे। उन्होंने खाकर देखा और कहां की लहुसन प्याज का खिलका है। वहीं उनका कहना है कि जिन लोगों की तरफ से लापरवाही बरती गई है। उनके खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। इतना ही नहीं सरकार लाखों रूपए खर्च करके मीड-डे मील चा रही है। वहीं इन जैसे लोगों की वजह से बच्चे बिमार हो रहे मर भी रहे है। उनका कहना है कि इस मामले में अगर जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह अंदोलन पर उतर आएगें

कॉलोनी नंबर-4 स्कूल की प्रिंसिपल सुरिंद्र पाल कौर ने बताया कि आज हमें किड़े दिखाई दिए तो इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई थी। मीड-डे मील की तरफ से आया खाना में राजमा में किड़े तैर रहे थे। हमने खाना देने आए कर्मियों को कहां था। लेकिन वह हमें फोर्स करते रहे की बरसात में किड़े आना आम बात है। फिलहाल इस बारे मेंअधिकारी रहे है। खाने में मखियां भी नजर रहे है।

इंडस्ट्रियल एरिया के थान प्रभारी यशपाल सिंह ने बताया कि हमें शाशी शंकर तिवारी की तरफ से सूचना आई थी कि मीड-डे मील के खाने में किड़े निकले है। जिसकी मौके पर पहुंचकर खाने के सैंपल लेने के लिए टीम बुलाई है। फिलहाल अभी तक हमारे पास लिखित में कोई शिकायत नहीं आई है। यह मीड-डे मिल का खाना सैक्टर-42 होटल मैनेजमेंट संस्थान से आता है।

डिप्टी डी. शिव कुमार शर्मा का कहना है कि फिलहाल कहां पर कौताई बरती गई है। उसकी जांच की जा रही है। जो भई बनती कारवाई होगी की जाएगी। खाने में मैने भी मक्खीयां पंखो वाले मचखर देखें है। बाकी स्कूलों में मैने पुछा है लेकिन उनमें कोई दिक्कत नही है।

हैरानी की बात यह है कि जिस तरह से मीड-डे मील के खाने में किड़े निकले है। हालांकि सब अधिकारियों को दिख भी रहा है। उसके बावजूद भी प्रशासन उन कार्मियों के खिलाफ कोई कारवाई करेगा या नहीं इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। फिलहाल इतना जरूर कहना है कि प्रशासन इस लापरवाही पर आंखे मुदा सुँ ही बैठा रहा तो जरूर एक बड़ा हादसा सामने आएगा और कई परिवारों के चिराग जरूर बुझेगें।

 

 

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