Saturday, 19 April 2025

World Liver Day 2025 - A Healthy Liver Ensures a Healthier Life: Dr. Rakesh Kochhar

By 121 News
Panchkula, April 19, 2025:-- भारत में मेटाबोलिक डिस्फंक्शन-एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 38% वयस्क फैटी लिवर से ग्रस्त हैं, जबकि चंडीगढ़ में यह दर 53.5% तक पहुंच गई है। खासकर बच्चों और युवाओं में यह समस्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। यह बात पारस हेल्थ पंचकुला के वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट एवं पीजीआई के पूर्व प्रोफेसर डा. राकेश कोच्छर ने विश्व लीवर दिवस 2025 के मौके पर हेपेटाइटिस, फैटी लीवर, सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी जटिल लीवर समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए अस्पताल में शुरू कि गई विशेष ओपीडी सेवा की शुरुआत मौके कही, जो हर गुरुवार को उपलब्ध होगी। इस मौके उनके साथ गैस्ट्रो विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डा. मोहनीश कटारिया व् सीनियर जीआई सर्जन डॉ. करन मिधा एवं अन्य डाक्टर व् स्टाफ मौजूद था।  

डा. राकेश कोच्छर ने बताया कि अब उन लोगों में भी लीवर की गंभीर समस्याएं देख रहे हैं जिन्होंने कभी शराब का सेवन नहीं किया। इसका मुख्य कारण जंक फूड है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में अस्वास्थ्यकर वसा और चीनी पाई जाती है। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर डिजीज तब होता है जब शराब के सेवन के बिना ही लीवर में 5% से अधिक वसा जमा हो जाती है। यह "साइलेंट महामारी" के रूप में उभर रही है क्योंकि अधिकतर मरीजों में तब तक लक्षण नहीं दिखते जब तक लीवर काफी क्षतिग्रस्त न हो जाए।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डा. मोहनीश कटारिया ने कहा कि मोटापा, डायबिटीज़ या अस्वस्थ आहार लेने वाले लोगों को नियमित लीवर जांच अवश्य करानी चाहिए, क्योंकि लीवर की बीमारी चुपचाप बढ़ सकती है। फैटी लिवर के अलावा, लीवर की अन्य बीमारियों के मुख्य कारणों में अत्यधिक शराब सेवन, हर्बल दवाओं का दुरुपयोग और हेपेटाइटिस वायरस शामिल हैं। यदि इनका समय पर उपचार न हो, तो यह आगे चलकर लीवर कैंसर का रूप ले सकती हैं।

इस मौके सीनियर जीआई सर्जन डॉ. करन मिधा ने कहा कि सिरोसिस क्रोनिक लीवर बीमारी का अंतिम चरण होता है। ऐसे मरीज जब हमारे पास आते हैं, तब तक उनका लीवर काफी हद तक खराब हो चुका होता है। इस क्लीनिक का उद्देश्य ऐसे मामलों की समय रहते पहचान और प्रबंधन करना है।

इस विश्व लीवर दिवस पर डॉक्टरों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि लीवर की देखभाल केवल बीमारियों से नहीं, बल्कि जीवनशैली के सुधार और नियमित जांच से की जा सकती है। फैटी लीवर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय रहते कदम उठाना अब पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।

No comments:

Post a Comment