By 121 News
Chandigarh, Oct.18, 2024:--कार्तिक का महीना प्रारंभ होते ही त्यौहारों का तांता प्रारंभ हो जाता है। करवा चौथ से सारे त्यौहार प्रारंभ हो जाते हैं। सेक्टर 28 स्थित प्राचीन खेड़ा शिव मंदिर के पुजारी एवं देवालय पूजक परिषद, चण्डीगढ़ के पूर्व प्रधान पं. ईश्वर चंद शास्त्री ने बताया कि करवा चौथ महिलाओं का विशेष त्यौहार है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में यह पर्व मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए तथा घर में सब प्रकार की सुख समृद्धि के लिए श्रद्धापूर्वक करवा चौथ का व्रत रखती हैं। अबकी बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्तूबर को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को प्रातः 6.50 बजे प्रारंभ होगी और 21 अक्तूबर को प्रातः 4:18 बजे तक रहेगी। सुहागिन महिलाएं पूरा दिन निराहार व्रत करती हैं और सायंकाल चंद्रमा को अर्घ देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। अब की बार करवा चौथ के दिन सूर्य तुला राशि में होंगे तथा चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र एवं अपनी उच्च राशि वृष में होंगे। करवा चौथ के दिन चंद्रमा का उच्च राशि में होना बहुत शुभकारक होता है। चण्डीगढ, पंचकूला व मोहाली में रात को 7:50 बजे चंद्रमा उदय होंगे।
व्रत में पालन करने योग्य नियम
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाना चाहिए। तारों की छांव में सरगी खालें। प्रातः स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। पराई निंदा चुगली इत्यादि से बचें, सत्य भाषण करें। दोपहर बाद भगवान गणेश, पार्वती एवं शिव जी की पूजा करें। किसी ब्राह्मण के मुख से करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। रात को चंद्रमा उदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ दें और उसके बाद व्रत का पारण करें।
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