Sunday 13 October 2024

द हिड्न टैलेंट वेलफेयर एंड ट्रस्ट ने आयोजित की गज़ल-ए-महफ़िल

By 121 News
Panchkula, Oct.13,2024:- द हिड्न टैलेंट वेलफेयर एंड ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त के नेतृत्व में गज़ले-ए-महफ़िल कार्यक्रम का आयोजन यहां आयोजित किया गया। जिसमें ट्राईसिटी सहित पंजाब, हरियाणा से आए अव्यवसायिक ग़ज़ल गायकों ने लिया हिस्सा लिया और एक से बढ़कर एक गज़लों को श्रोताओं को समक्ष प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। 

इस संगीतमय कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि अंतर्राष्ट्रीय सूफी गायक उस्ताद नीले खान, समाज सेवी भगवान दास गुप्ता, सुर संगीत के प्रेसिडेंट प्रदीप शर्मा ने किया गया। इस दौरान उनके साथ कार्यक्रम की आयोजक वीना सोफ्त, गेस्ट ऑफ ऑनर में समाज सेवी जया गोयल, सीमा भारद्वाज, वेद व्रत खुराना, संजीव कौड़ा, प्रदीप वर्मा, शिव आनंद ने दीप प्रज्वलित कर किया। जिसके उपरांत गज़ल  गायकों द्वारा गज़ले सुना। गायकों ने ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह, गुलाम अली, भूपिंदर हज़ारिका, चंदन दास जैसे प्रतिष्ठत गज़ल गायकों द्वारा गायी गई कुछ ग़ज़लों को अपनी आवाज में प्रस्तुत करने का एक बेहतर प्रयास किया। कार्यक्रम में कुल 32 सदाबहार गज़ले  शामिल थी।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त ने जगजीत सिंह की प्रसिद्ध गज़ल 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए गायिका कंचन भल्ला ने दर्शकों के समक्ष रैना बीती जाए, शाम न आए गज़ल  प्रस्तुत की, जिसे सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने साथ साथ बखूबी मंच का संचालन भी किया। वहीं अन्य गज़ल गायकों द्वारा सुप्रसिद्ध गज़लों में चिट्ठी आई है; होश वालों को खबर क्या; छू लेने दो नाज़ुक होंटो को;  नियते शौक; हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह;  अंखियन संग अँखिया लागी; झनक झनक तोरी बाजे पायलिया; ये रात भीगी भीगी; मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा;  अगर हम कहे और वो मुस्कुरा दे; प्यार का पहल खत लिखने में; जैसी गज़ले प्रस्तुत कर में दर्शकों का समां बांधा और उन्हें झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में संगीत का प्रबंधन राजबीर सिंह द्वारा किया गया था।

इस अवसर पर ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त ने कार्यक्रम में आए सभी श्रोतागणों का आभार जताया और कहा कि कार्यक्रम का उदेश्य अव्यवसायिक गायकों को मंच प्रदान करना था, ताकि वे अपने अंदर के टैलेंट को उभार सके। 

कार्यक्रम का संचालन कंचन भल्ला द्वारा किया गया था।

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