By 121 News
Chandigarh June 26, 2022:-राष्ट्रीय जाट महासंघ ने वीर गुज्जर महासभा को आड़े हाथों लेते हुए खुला चैलेंज दिया है कि वो अपनी प्रमाणिकता साबित करें अन्यथा वो इस मामले में उन्हें कोर्ट में भी घसीटने से गुरेज नही करेंगे। उन्हें यह खुली चुनौती महासंघ के सदस्यों ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
महासंघ के एडवोकेट रोहित चौधरी ने कहा कि वीर गुर्जर महासभा अपने आप को देश की सबसे पुराने समाज का हिस्सा बताता है। उन्होंने बताया कि गुर्जर महासभा देश के साथ गदारी कर रहे हैं, कोर्ट और देश व देश की जनता को धोखा दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि वो पाकिस्तान में उधर के लोगों से बातचीत करते हुए भारत देश की रक्षक जाट कौम को बदनाम करते हैं। भारत सरकार को इसका पूरा इल्म है, लेकिन उसके बावजूद भारत सरकार उन पर कोई एक्शन नही ले रही है। उन्होंने इस बात के पुख्ता सबूत भारत सरकार से लिये हैं।
ऐडवोकेट रोहित चौधरी ने कहा कि उनके पास एन सी ई आर टी और डी डी ए से पर्याप्त लिखित सबूत हैं कि इतिहास में इनका कोई प्रमाण नही है। इसलिए उनका वीर गुर्जर महासभा को खुला चैलेंज है या वो इसे साबित करे या फिर कोर्ट में उन्हें घसीटा जाएगा।
भलेराम बेनीवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष जाट महासंघ ने कहा कि महापुरुष तो देश के होते है किसी जाति विशेष के नही होते। महापुरुषों का जातिकरण बंद हो। महापुरुषों को देश को सौंपा जाए। अन्यथा गुज्जर और राजपूत दोनों ही अनंगपाल तोमर को साबित करें कि वो जाट नही हैं। अन्यथा राष्ट्रीय जाट महासंघ खुला चैलेंज देता है कि अगर महापुरुषों का जातिकरण बंद नही होता तो हम चुनौती देते हैं कि आदिकाल से लेकर मुग़ल राज तक जाटों का ही राज रहा है।
जसबीर सिंह मलिक, महामंत्री, वैदिक महासभा और सतीश शियोरण ने कहा कि जाट जाति नही आर्यों की नस्ल है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि जाट ही संसार की सबसे शुद्ध और प्राचीन नस्ल है और इसी के आधार पर 2015 में जाट आरक्षण रद्द हुआ था। फिर भी देश के किसी को महानुभाव को लगता है कि जाट नस्ल आर्य नही है तो वो आएं और सुबूत देकर साबित करें, ताकि हमें रद्द किया हुआ हमारा आरक्षण हमें मिल पाएं।
इस अवसर पर अमरीक राठी, नवीन सहरावत और अमन नरवाल सहित कार्यकारिणी के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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