Monday 30 May 2022

गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर एवं सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश का नरेंद्र मोदी को खुला पत्र

By 121 News
Chandigarh May 30, 2022:- गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर एवं सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश ने दिल्ली के प्रगति मैदान में ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र दिया। 
पत्र में कहा गया है कि पिछले 8 वर्षों में पूरी दुनिया ने भारत में एक मौन ड्रोन क्रांति को रफ्तार के साथ प्रगति करते हुए देखा है। निश्चित रूप से भारतीय ड्रोन के इकोसिस्टम में आपकी प्रगतिशील नीतियों के बगैर कोई भी तरक्की संभव नहीं हो पाती।
मैंने खुद से वादा किया था कि एक दिन, मैं आपको और हमारे देश को गौरवान्वित करूंगा। मैंने कसम खाई थी कि एक दिन, मैं भारत में ऐसा मजबूत ड्रोन इकोसिस्टम तैयार करूंगा जो 1 अरब भारतीयों पर असर डालेगा, 10 लाख युवाओं को रोजगार देगा और अपने हाथों का एक ऐसा उपकरण बनेगा जो 5 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के आपके दृष्टिकोण में योगदान देगा।
 
आज, गरुड़ समूह में देश भर के 26 शहरों में 300 ड्रोन, 500 पायलट और 200 कोर इंजीनियर शामिल हैं, जिनका विस्तार दुनिया के कोने-कोने में है। हमें गर्व है कि हम गुड़गांव और चेन्नई में भारत की सबसे बड़ी मेन्यूफेक्चरिंग फैसिलिटी के मालिक हैं जो 30 विभिन्न प्रकार के ड्रोन का निर्माण करती है और 45 विविध सेवाएं प्रदान करती है। गरुड़ के पास इनहाउस फर्मवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीमें हैं, जिन्होंने एडवांस्ड डेटा प्रोसेसिंग एआई, एमएल और क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं, जो हमारे ग्राहकों को रियल टाइम में निर्णय लेने में सहायता करते हैं। अगली 6 तिमाहियों में 400 मिलियन डॉलर से ज्यादा के अनुमानित राजस्व के साथ गरुड़ ने खाद्य फसल की उत्पादकता बढ़ाने वालेे किसान ड्रोन का उपयोग कर 3 बिलियन कीटनाशक छिड़काव करते हुए बाजार को प्रभावित कर एग्री टेक सेक्टर में प्रभुत्व कायम किया है, जिससे 200 मिलियन किसानों के लिए उत्पादकता बढ़ी है। 
वर्तमान में 250 मिलियन डॉलर की कीमत के साथ गरुड़ सबसे मूल्यवान ड्रोन स्टार्ट-अप है और भारत का पहला ड्रोन यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप बनने की राह पर है। मैं इन सभी बातों के लिए आपका ऋणी हूँ मोदी जी। यदि आप और आपका दूरदर्शी नेतृत्व 2021 में ड्रोन कानूनों के प्रति उदार नहीं होता, तो इतने कम समय में इन महान चीजों में से कुछ भी संभव नहीं हो पाता।

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