Wednesday, 14 July 2021

स्कूल खोलने का फैसला सरकार ने किसके दबाव में लिया: सैलजा

By 121 News

Chandigarh July 14, 2021:- हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सवाल किया कि है राज्य में स्कूल खोलने का फैसला सरकार ने किसके दबाव में लिया?

मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बताएं क्या कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सिर पर नहींक्या दूसरी लहर खत्म हो चुकीक्या एक भी बच्चे को वैक्सीन लगी हैइतना सब होने पर भी स्कूल खोलने का फैसला क्या तर्कसंगतन्यायसंगत हैक्या बच्चों के जीवन की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता में नहीं?

आज यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार में निर्णय  लेने की क्षमता नहीं। कोई 'दबाव तंत्रकोई लाबी उस पर हावी है जो उसके फैसलों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने मांग की कि जब तक सभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जाती तब तक स्कूल न खोले जाएं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि लग तो यह भी रहा है कि सरकार की मंशा उसके  ओहदेदारों की हिस्सेदारी में चल रहे प्राइवेट स्कूलों को लाभ पहुंचाने की है। प्रदेश सरकार ने 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं कक्षा तक और 23 जुलाई से छठी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल खोलने का फैसला लिया है। कुमारी सैलजा ने कहा कि स्कूल खोलने का फैसला सर्वथा गलत है। इससे यदि एक भी बच्चे के जीवन पर खतरा आया तो मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।

उन्होंने कहाविडम्बना देखिये कि कॉलेज व यूनिवर्सिटी तो अभी तक बंद हैंलेकिन स्कूलों पर तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया। कुमारी सैलजा ने कहा कि एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया और आईसीएमआर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार सचेत कर रहे हैं। डा. गुलेरिया ने तीसरी लहर का सबसे अधिक असर 18 साल से कम छोटे बच्चों पर पड़ने की आशंका जताई है। अभी इन बच्चों के लिए कोई वैक्सीन सरकारी अस्पतालों या बाजार में उपलब्ध नहीं है। गंभीर खतरा सिर पर है परन्तु राज्य सरकार आंखे मूंद कर तुगलकी आदेश जारी कर रही है। लगता है वह कोरोना की दूसरी लहर से भी दर्दनाक नजारा देखना चाहती है। दूसरी लहर के भयावह होने से पहले भी फरवरी  में स्कूल खोले गए थे। तब बच्चों में कोरोना तेजी से फैला था। हर शहर से हर दिन बड़ी संख्या में मामले आने के बाद फिर स्कूल बंद करने पड़े थे।

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