Wednesday 30 June 2021

सबलो द्वारा वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा को रद्द करने पर सरकार के इस पर पुनर्विचार करने का आहवान

By 121 News

Chandigarh June 30, 2021:- श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के दौरान जुटे समस्त भंडारा संगठनों का सर्वोच्च संघ - श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाईजैशन (सबलो) ने भारत सरकार द्वारा द्वारा इस वर्ष की यात्रा को रद्द करने के फैसले की आलोचना करते हुये इस पर दुबारा विचार करने का आहवान किया है। बुद्धवार को सेक्टर 27 स्थित चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित एक प्रैस वार्ता को आयोजित करते हुये सबलो के अध्यक्ष विजय ठाकुर और महासचिव राजन गुप्ता ने बताया कि सरकार श्रृद्धालुओं की श्रृद्धा और हितो को ध्यान में रखते इस फैसले पर एक बार फिर गंभीरता से गौर कर इस यात्रा की अवधि और यात्राओं की संख्या पर अंकुश लगा सदियो पुरानी परम्परा को जारी रख सकती है।

सबलो, श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड और भंडारा संमीतियों के बीच समन्वय कायम कर इस वार्षिक यात्रा के दौरान श्रृद्धालुओं में निशुल्क भोजन (लंगर) सहित रात्रि ठहराव, मैडिकल सेवाओं के साथ साथ अन्य सुविधाओं के लिये प्रयासरत रहती है।

विजय ठाकुर ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है कि यात्रा को रद्द किया गया है। वर्ष 2019 में यात्रा को धारा 370 और 35 हटाये जाने के बाद अचानक बंद कर दिया गया था जिससे की असंख्य शिवभक्तों की आस्था को गहरा आघात पहुंचा था। उन्होंनें कहा कि धारायें यात्रा के सम्पन्न होने के बाद भी हटाई जा सकती थी। अगले वर्ष 2020 में यात्रा को सुखद बनाने के लिये मूलभूत ढांचों और सुविधाओं पर व्यापक खर्चा करने के बाद दुर्भाग्यवश कोरोना महामारी के चलते यात्रा को रद्द करना पड़ा जिससे की भक्तों में मायूसी छा गई थी।

इस अवसर पर राजन गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश ने व्यापक नुकसान से बचते हुये कोरोना की दूसरी लहर पर बखूबी नियंत्रण पाया परन्तु लाॅकडाउन के खुलने बाद मानो सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रा के प्रति सौतेला व्यवहार शिव भक्तों की समझ से परे है। उन्होंनें कहा कि जहां एक और कोरोना की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में कुम्भ मेले का आयोजन किया गया वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोजित कर कोविड 19 की रोकथाम के नाम पर भद्दा मजाक हुआ। कोरोना के खत्म होने पर पड़ोस में भक्तों के लिये माता वैष्णों देवी की यात्रा, खीर भवानी का मेला, हिमाचल प्रदेश में चिंतपूर्णी सहित अन्य देवियों के दर्शन तक खोल दिये गये हैं। गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाये की किस मकसद् से अमरनाथ यात्रा पर विराम लगाया गया है, वह सभी के लिये चिंतन का विषय है।

अमरनाथ यात्रा की तैयारियो के लेकर सरकार के रुख पर बोलते हुये विजय मेहरा ने बताया कि 27 मार्च को जारी एक विज्ञप्ति में सरकार ने एक अप्रैल से पीएनबी, जम्मू एंड कश्मीर बैंक  और येस बैंक के माध्यम से आॅनलाईन आवेदन आमंत्रित किये। घाटी में असंख्य लोगों को रोजगार मिलने के इस अवसर से उनमें उम्मीदें जगी। श्रृद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन, सुरक्षा, सेहत, लंगर, वैक्सीनेशन और अन्य मूलभूत ढांचों को सुधारने के लिये सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा प्रयास किये गये। इसी बीच स्थानीय प्रशासन के साथ साथ भारतीय सेना भी अमरनाथ यात्रा के आयोजन पर आश्वस्त दिखी जिससे की यकीनी हो गया था कि शिवभक्तों को पावन शिवलिंग के दर्शन अवश्य होंगें। परन्तु 21 जून को जारी एक प्रैस विज्ञप्ति ने सभी के उम्मीदों पर पानी फेर दिया जब यह यात्रा रद्द कर दी गई।

सबलो ने सुझाया है कि यात्रा को तीन से चार सप्ताह की अवधि के लिये आयोजित की जा सकती है जिसमें श्रृद्धालुओं को संख्या दोनो रुट्स पर कम की जा सकती हैं। दोनो डोज प्राप्त कर चुके ही श्रृद्धालु ही यात्रा के योग्य हो सकते हैं जबकि यात्रा की शुरुआत से आरटी पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य बनाया जाये। यात्रा के लिये एसओपी तय किये जाये जिसका कढ़ाई से पालन हो सके। कोविड की स्थिति के मद्देनजर यात्रा के अंतिम फैसले को स्थागित किया जाये और दिनो दिन हालत का जायजा लेकर ही यात्रा के आयोजन पर निर्णय हो।

सबलो सदस्यों ने चेताया कि यदि इस फैसले पर विचार नहीं किया गया तो वे अन्य शिव भक्तों के साथ वे इस दिशा में बड़ा अंदोलन छेड़ देंगें और सैवाधनिक उपायों के माध्यम तथा शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर अपनी मांगे मनवायेंगें।

1 comment:

  1. इस पोस्ट में उल्लेख की गई संसाधनें मूल्यवान हैं। मैं इन्हें जांचने और अमरनाथ यात्रा में और गहराई में समग्रता बढ़ाने के लिए उत्साहित हूँ

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