By 121 News
Chandigarh June 09, 2021:-हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार किसानों को प्रताड़ित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। सरकार की एक ही नीति है कि किसी तरह से प्रदेश के किसानों को बर्बाद किया जाए। सरकार द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन देने के लिए बनाए गए नियम किसानों के हितों पर कुठाराघात हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है। महंगाई को देखते हुए यह वृद्धि बिल्कुल ही नाकाफी है।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि नए नियमों के अनुसार जिन क्षेत्रों में पानी 100 फुट से अधिक गहराई में है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं मिलेगा। ऐसे तुगलकी फैसले लेकर सरकार सिर्फ किसानों को प्रताड़ित करना चाहती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का कहना है 100 फुट से अधिक गहराई वाले क्षेत्रों में ड्रिप सिस्टम लागू किया जाएगा। यह फैसला समझ से परे है। प्रदेश के कई जिलों में पानी 100 फुट से नीचे है। सरकार किसानों को प्रताड़ित कर रही है। किसान ड्रिप सिस्टम लगाने के लिए भारी-भरकम राशि कहां से लाएंगे। वहीं दक्षिण हरियाणा में ज्यादातर जमीन समतल नहीं है। वहां पर यह ड्रिप सिस्टम कामयाब नहीं हो सकता है। जहां पर मुख्य पैदावार बाजरे और गेहूं की है, वहां पर भी ड्रिप सिस्टम सफल नहीं है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि साथ ही सरकार का यह फैसला कि सिंचाई विभाग से जो किसान एनओसी लेकर आएंगे, उन्हीं किसानों को कनेक्शन दिया जाएगा। जिन किसानों को विभाग से एनओसी लाने के लिए नोटिस दिया गया है। उन्हें पंद्रह दिन के अंदर एनओसी लाकर देनी होगी। यदि कोई किसान एनओसी नहीं ला पाता है तो उसकी कनेक्शन संबंधित फाइल को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों से कई वर्षों पहले ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए राशि जमा करवाई हुई है। इसके बाद भी उन्हें कनेक्शन नहीं दिए गए हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों को बिना शर्त व बिना किसी देरी के कनेक्शन मिले। उन्होंने कहा कि बिजली निगम ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए जो राशि जमा करवा रखी है, किसानों को उसका उचित ब्याज दिया जाए।
वहीं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सरकार द्वारा खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 72 रु, मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 20 रु, मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 79 रु, बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 100 रु समेत अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की है। सरकार द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी नाममात्र है। आज महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। सरकार द्वारा खरीब फसलों की एमएसपी में किया गया मामूली इजाफा किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार का कहना है 100 फुट से अधिक गहराई वाले क्षेत्रों में ड्रिप सिस्टम लागू किया जाएगा। यह फैसला समझ से परे है। प्रदेश के कई जिलों में पानी 100 फुट से नीचे है। सरकार किसानों को प्रताड़ित कर रही है। किसान ड्रिप सिस्टम लगाने के लिए भारी-भरकम राशि कहां से लाएंगे। वहीं दक्षिण हरियाणा में ज्यादातर जमीन समतल नहीं है। वहां पर यह ड्रिप सिस्टम कामयाब नहीं हो सकता है। जहां पर मुख्य पैदावार बाजरे और गेहूं की है, वहां पर भी ड्रिप सिस्टम सफल नहीं है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि साथ ही सरकार का यह फैसला कि सिंचाई विभाग से जो किसान एनओसी लेकर आएंगे, उन्हीं किसानों को कनेक्शन दिया जाएगा। जिन किसानों को विभाग से एनओसी लाने के लिए नोटिस दिया गया है। उन्हें पंद्रह दिन के अंदर एनओसी लाकर देनी होगी। यदि कोई किसान एनओसी नहीं ला पाता है तो उसकी कनेक्शन संबंधित फाइल को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों से कई वर्षों पहले ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए राशि जमा करवाई हुई है। इसके बाद भी उन्हें कनेक्शन नहीं दिए गए हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों को बिना शर्त व बिना किसी देरी के कनेक्शन मिले। उन्होंने कहा कि बिजली निगम ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए जो राशि जमा करवा रखी है, किसानों को उसका उचित ब्याज दिया जाए।
वहीं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सरकार द्वारा खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 72 रु, मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 20 रु, मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 79 रु, बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 100 रु समेत अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की है। सरकार द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी नाममात्र है। आज महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। सरकार द्वारा खरीब फसलों की एमएसपी में किया गया मामूली इजाफा किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है।
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