Sunday 10 January 2021

‘कोविड ने खिलाड़ियों की शारीरिक फिटनेस को प्रभावित किया है’: एक्सपर्ट्स

By 121 News
Chandigarh Jan.10, 2021: शहर के खेल विशेषज्ञों ने आज शहर में खेल गतिविधियों पर पड़े कोरोना 19 महामारी के प्रभाव के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने महसूस किया कि कोविड ने न केवल विभिन्न खेल खेलने वाले खिलाड़ियों की शारीरिक फिटनेस को प्रभावित किया बल्कि उसके साथ ही उन पर इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ा है। 

वे सभी आज यहां ट्रिनिटी हॉस्पिटल द्वारा यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट और यूटी क्रिकेट एसोसिएशन, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित एक वेबिनार 'न्यू नॉर्म इन स्पोर्ट्स ड्यूरिंग कोविड टाइम्स' (कोविड काल के दौरान खेलों में नया सामान्य) में बोल रहे थे। इस दौरान संजय टंडन, प्रेसिडेंट, यूटी क्रिकेट एसोसिएशन (यूटीसीए)  मुख्य अतिथि थे, जबकि तेजदीप सिंह सैनी, डायरेक्टर, स्पोटर््स, गेस्ट ऑफ  ऑनर थे। इस वेबिनार को आयोजित करने का उद्देश्य खेलों से जुड़े विभिन्न लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था और इन नई परिस्थितियों में इस न्यू नार्मल यानि नए सामान्य के रूप में स्वीकार करना और इस संबंध में पैदा हुई नई चुनौतियों को कैसे पार करना है।
 संजय टंडन ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा कि कोविड ने खेल सहित सब कुछ बदल दिया है। उन्होंने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि खिलाड़ी अब उतने फिट नहीं हैं, जितने वे कोविड से पहले थे और इस लंबे लॉकडाउन के दौरान उनकी मांसपेशियों में अब अधिक स्ट्रैच्ड भी नहीं देखा जा रहा है क्योंकि वे नियमित तौर पर अपनी एक्सरसाइजिज नहीं कर पा रहे थे। जबकि कोविड से पहले वे अपनी प्रेक्टिस करते थे। कोविड कॉल के दौरान आए इस ठहराव ने उनकी फिटनेस को प्रभावित किया है और वे अब अधिक आसानी से चोटों का शिकार हो जाते हैं।
संजय टंडन ने आगे कहा कि जब भी टेस्टिंग आदि का समय आता है तो खिलाड़ियों के दिमाग में लगातार ये डर बना रहता है कि उनको कहीं टीम से निकाल तो नहीं दिया जाएगा। इस तरह के हालात ने उन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डाला है और वे मानसिक रूप से थकान महसूस कर रहे हैं। उन्होंने एक टूर्नामेंट के लिए चेन्नई की यात्रा कर रही यूटीसीए टीम का भी संदर्भ दिया। टीम के सदस्य लगातार आइसोलेशन में रह रहे हैं और वे बहुत हद तक मानसिक तौर पर भी थकान महसूस कर रहे हैं और उनको प्रेक्टिस के लिए भी काफी कम समय मिल रहा है। उनके लिए स्पेशल मेडिकल केयर भी की जा रहा है और एक विशेष डॉक्टर टीम के साथ भेजा गया है। अभी भी कई सारी खेल गतिविधियां शुरू भी नहीं हुई हैं।
डॉ.मोहिंदर कौशल, चेयरमैन, ट्रिनिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट और वेबिनार के संयोजक ने इस अवसर पर अपने संबोधन ने कहा कि वेबिनार में होने वाले विचार-विमर्श  ने एथलीटों को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने के लिए काफी उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान किया है। कोविड-19 अपनी व्यवहार्यता, लंबी अवधि तक बने रहने की क्षमता और बेहद हल्के लक्षणों के कारण खेल के वातावरण में अत्यधिक संक्रामक है; विशेष रूप से ऐसे खेलों के दौरान, जिनमें खेल के दौरान खिलाड़ियों का एक-दूसरे के साथ संपर्क होता है, इनमें इसका जोखिम काफी अधिक बढ़ जाता है।
डॉ.कौशल ने कहा कि खेल के आयोजनों को फिर से शुरू करने के निर्णय को स्थानीय स्तर पर आने वाले कोविड के मामलों से जोड़कर ही देखा जाना चाहिए और खेलों को फिर से शुरू होने के शुरुआती चरणों में संक्रमण विरोधी उपायों को लागू करने की आवश्यकता होगी। खेल और व्यायाम विशेष रूप से प्रतिस्पर्धी एथलीटों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन सभी के लिए सुरक्षा अभी भी सर्वोपरि है। सभी को उचित उपायों के साथ सुरक्षित खेलों की प्रेक्टिस करनी चाहिए और कोविड-19 महामारी के आगे व्यापक प्रसार को रोकना चाहिए।
डॉ. नीरू मलिक, फिजिकल एजुकेशन और योग शिक्षक, देव समाज कॉलेज और श्रीमती अरुणा भारद्वाज, पूर्व महानिदेशक, स्वामी विवेकानंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, वाइस प्रेसिडेंट, यूटी टेनिस एसोसिएशन ने भी वेबिनार के दौरान अपने विचार रखे। इस दौरान भारद्वाज ने बताया कि एक टेबल-टेनिस खिलाड़ी की मां के रूप में सामना करना कितना कठिन था और उन्होंने कैसे इन परिस्थितियों का सामना किया। 
यूटी के खेल निदेशक तेजदीप सिंह सैनी ने कहा कि किसी भी तरह के खेल से जुड़े सभी लोग चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन लगाया गया था, तो यह खिलाड़ियों के लिए सबसे कठिन समय था क्योंकि वे रोज अभ्यास के लिए और खुद को फिट रखने के लिए अपने घर या सुरक्षित माहौल से बाहर जा रहे थे।
डॉ.मुकुल कौशल, आर्थोस्कोपिक स्पोर्ट्स स्पेशलिस्ट और डॉ.अनिर्बान मलिक, स्पोर्ट्स मेडिसिन एक्सपर्ट, एनआईएस, पटियाला ने कोविड काल में खेल फिर से शुरू करने और वर्तमान महामारी में खेल समुदाय के लिए चुनौतियों पर बातचीत की। वहीं वेबिनार के एक्सपर्ट पैनलिस्ट्स ने विभिन्न खेलों- योग, गोल्फ, बैडमिंटन, टेबल टेनिस और जूडो से संबंधित माहौल में बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में अपने विशेषज्ञ विचार दिए। इसके साथ ही उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि संबंधित खेल विभागों ने कैसे इन चुनौतियों का सामना किया है और वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए सुरक्षित प्रबंध किए हैं। 
वेबिनार में शामिल होने वाले अन्य विशेषज्ञ पैनलिस्टों में अर्जुन अवार्डी हरमीत काहलों थे, जो डायरेक्टर, मोहाली गोल्फ रेंज, प्रतिष्ठित गोल्फर, और गोल्फ कोच हैं, सुरिंदर सिंह, जूडो कोच और इंचार्ज, जूडो एनआईएस पटियाला, और अमित भट्टाचार्यजी, जाने माने स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट, जिन्होंने अभिनव बिंद्रा को मेंटर किया है, जिन्होंने ओलंपिक में शूटिंग के लिए सोलो गोल्ड मेडल जीता है।

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