By 121 News
Chandigarh Dec. 16, 2020:- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-संयोजक पंकज खरबंदा ने किसानों के आन्दोलन के बीस दिन गुजर जाने पर भी कोई संतोषजनक हल न निकलने पर चिंता जाहिर की है। आज यहाँ जारी एक बयान में पंकज खरबंदा ने कहा कि ठंड के कारण अब सभी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब धूप में भी ठंड लग रही है। कुछ दिन पहले तक धूप के कारण दोपहर तक स्वेटर या जैकेट उतारने की नौबत आ जाती थी लेकिन अब हवा बेहद सर्द हो चली है। धूप के बाद भी ठंड जानलेवा लगने लगी है। अन्नदाता भूखा है और सरकार सुन नहीं रही है। जो किसानों को आतंकवादी कहते हैं वो इंसान नहीं हैं।
श्री खरबंदा ने कहा कि इस किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है। कभी आतंकी कहती है, कभी नक्सल कहती है, कभी पाकिस्तान तो कभी चीन की बात करती है। इस आन्दोलन को लोगों का समर्थन है। सरकार की कोशिश फूट डालो है, लेकिन किसान डटे हुए हैं। जब तक सरकार कानून वापस नही लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अब आंदोलन और तेजी पकड़ेगा। केंद्र सरकार कैसे कृषि पर कानून बना सकती है। ये राज्य का मामला है। सरकार को कानून वापस लेना होगा। नहीं लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान छह महीने एक साल का राशन लेकर आये है जब तक कानून वापस नही होगा तब तक नही जाएंगे।
उन्होंने मांग की कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जानी चाहिए तथा एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए। सिर्फ सरकार ही नहीं निजी कंपनियों को भी एमएसपी से कम दर पर खरीद से रोका जाना चाहिए। ऐसा लगता है कि खरीद करने वाली कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं। अत: कृषि उत्पाद बाजार समितियों से बाहर खरीद को मंजूरी देने पर किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए और उससे कम में खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए।
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