By 121 News
Chandigarh 10th April:- सफाई मजदूर सैनिक की ही तरह जनता की सहायता करता हैं । वह झाडू हाथ में लेकर अपने देश की जनता को बिना किसी भेद-भाव के सेवा प्रदान करता है । सफाई करते हुए वह स्वयं कई बिमारियों का शिकार हो जाता हैं । कई बार तो बिमारियों से ग्रस्त हो कर रिटायरमैंट से पहले ही मृत्यु का शिकार हो जाता है। रोता बिलखता उसका परिवार करूणामूलक आधार पर नौकरी, पेंशन पीएफ आदि के लिए निगम के अधिकारियों के शोषण का शिकार होता है । यह विचार आज प्रैस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय सफाई मजदूर संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह वाल्मीकि ने कहे।
महेन्द्र सिंह वाल्मीकि ने बताया कि आजादी के कई वर्षो के बाद आज उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है । ऐसे में राष्ट्रीय सफाई मजदूर संघ ने पूरे देश में भ्रमण कर सफाई कर्मचारियों को इकट्ठा करके इनकी समस्याओं के समाधान के लियें दिल्ली से झारखण्ड, बिहार, कोलकता ओर आसाम तथा पंजाब, चंडीगढ़ होते हुये सारे देश के सभी राज्यों में प्रान्तों में प्रेस वार्ता कर इनकी समस्याओं को देश के सामने रखने का निश्चय किया हैं । अगले वर्ष दिल्ली में पूरे देश के सफाई कर्मचारियों का महा सम्मेलन दिल्ली में होगा।
महेन्द्र सिंह वाल्मीकि ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के वाल्मीकि मंदिरके पास वाल्मीकि बस्ती से महात्मा गांधी की पिछले वर्ष 2 अक्टूबर को आयोजित जयन्ती में स्वचछता अभियान की शुरूआत की थी और हजारो करोड़ों रूपये इस सफाई अभियान के अंतर्गत खर्च हुए । यदि इस बजट का थोड़ा सा भी हिस्सा सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खर्च कर दिया होता तो इस देश के स्वास्थ्य कमिर्यो की हालत मे थोड़ा सा सुधार हो गया होता
सभी प्रदेशो में सफाई कर्मचारियों की बस्तिया कूड़ा फेंकनें वाली जगह पर हैं । इस तरह सारा दिन कूड़े में काम करने वाला सफाई कर्मचारी कूड़े के ढ़ेर के पास ही रहने को मजबूर है । राज्य सरकार या केन्द्र सरकार को इनके प्रति सजग होना चाहिए। आज सफाई कर्मचारी के परिवार नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं ।
राष्ट्रीय सफाई मजदूर संघ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह वाल्मीकि ने मांग की कि पूरे देश में सफाई कर्मचारी के हाथ में झाडू है तो सभी प्रान्तो में वेतन एक जैसा होना चाहिए। इनकी बस्तियां साफ सुथरी जगहपर बसाई जाये । इनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था केन्द्रीय विद्यालय और आदर्श स्कूलो में हो।
सफाई कर्मचारी के पढ़े लिखे बच्चो को विशेष आरक्षण हो। वाल्मीकि ने स्थाई भर्ती,पेंशन, नौकरी पर रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार के किसी बालिग सदस्य को नौकरी, डाक्टरी जांच, जीवन बीमा, परिवार को मुआवजा 20 लाख रुपये तक करने की मांग भी रखी। इस मौके पर मनु, संजय चौधरी, शमशेर, विजेंद्र, विजय, करम सिंह रोहतास भी मौजूद थे।
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