By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh 24th August:---- आम जीवन में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो, जिसने अपना काम कराने के लिए रिश्वत न दी हो या अपने किसी परिजन, मित्र या परिचित से रिश्वतखोरी की आपबीती न सुनी हो। इस आपबीती को बयान करने का एक मंच 'जनाग्रह' सेंटर फॉर सिटीजनशिप ऐंड डेमोक्रेसी नामक एनजीओ ने एक वेबसाइट 'मैंने रिश्वत दी डॉट कोम ' के रूप में शुरू किया।
यह वेबसाइट दुनिया के सबसे बड़े भष्टाचार विरोधी मंच आईपैडाब्राइब.कॉम जो कि एक अंग्रेजी साइट है, का हिस्सा है। इसकी शुरुआत 15 अगस्त 2010 से की गयी थी। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में प्रबंधक गीतेश बंसल ने बताया की यह साइट बड़े घोटालों जैसे हेलीकाप्टर, कोलगेट आदि 'थोक' भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय उन 'खुदरा' भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करती है जो एक आम नागरिक को दिन-प्रतिदिन झेलने पड़ते हैं, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस के लिये रिश्वत इत्यादि। उन्होंने बताया की चंडीगढ़ के लोगों ने खुदरा भष्टाचार रिपोर्ट करने के लिये बड़े पैमाने पर अंग्रेजी साइट का इस्तेमाल किया है। आज तक साइट पर चंडीगढ़ से 87 रिश्वत रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं और रिश्वत राशि के रूप में कुल भुगतान 58 लाख रुपये, पंजाब से 222 रिपोर्ट्स मिली जिनमे लोगों ने 1.4 करोड़ रुपये जबकि हरियाणा से 388 रिपोर्ट्स मिली जिनमे 63 लाख रुपये रिश्वत के नाम पर दिए गए। यह भी आंकड़ा सामने आया है कि लोग सबसे ज्यादा रिश्वत पासपोर्ट के लिये पुलिस सत्यापन और यातायात उल्लंघन के लिये देते हैं।
उन्होंने बताया कि लोग सभी 'खुदरा' भ्रष्टाचार के मुद्दों को इस साइट पर डाल सकते हैं और साथ ही साथ उच्च अधिकारियों के साथ साझा भी कर सकते हैं। यह साइट भारत के 60 करोड़ से ज्यादा हिन्दी भाषी लोगों को अपने रिश्वत और भ्रष्टाचार के अनुभव साझा करने का एक जरिया है।
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