By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh 16th August:--- सेक्टर 17 स्थित परेड ग्राउंड में हुए 67वां स्वतंत्रता दिवस समारोह में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक शिवराज पाटिल ने तिरंगा फेहराया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रो के 25 लोगों को उत्कृष्ट सेवाओ के लिए सम्मानित भी किया। स्कूली बच्चो ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किये। इस अवसर पर एस.एस.पी चंडीगढ़ को राष्टपति मेडल से सम्मानित किया गया। इस के इलावा उन लोगों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने चंडीगढ़ के लिए उत्कृष्ट कार्य किये हैं। इस समारोह में देखने वाली बात यह थी चंडीगढ़ में पहली बार परेड की कमान एक महिला डीएसपी श्वेता चोहान के हाथों में सौंपी गई थी। जिसने इस कमान को बखुबी निभाई । इस पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक शिवराज पाटिल ने फर्क से कहां कि आज की नारी किसी काम में पीछे नहीं है।
67वां स्वतंत्रता दिवस समारोह में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक शिवराज पाटिल ने तिरंगा फेहराया और परेड की सलामी ली और शहरवासियों को बधाई देते हुए कहां कि इन 66 सालों में भारत व चंडीगढ़ शहर ने बहुत तरक्की की है। उनका कहना है कि चंडीगढ़ की उन्नती के लिए शहरवासियों का बहुत योगदान रहा है। चंडीगढ़ को मास्टर प्लॉन में बदलने के लिए बधाई दी गई। उनका कहना है कि उनकी पुरी कोशिश है कि उसे और बेहतरिन बनाया जाए । यूँ तो चंडीगढ़ पहले ही साफ सफाई व कानून की पालना करने वाला शहर गिना जाता है। लेकिन मास्टर पलान के बाद अब इसकी और बेहतरीन शहरों में गिना जाएगा। यह सब शहरवासियों व अधिकारियों के कारण संभव है> उनका कहना है कि हर इंसान अपना काम ठीक तरीके और इमानदारी से करें । तभी इस शहर और देश का विकास होगा ।
बेहतर कार्य करने पर सम्मानित हुए मदन लाल वशिष्ट ने बताया कि उन्हें यह समान लेकर बहुत खुशी मिल रही है। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि सेवा करते करते उन्हें युँ सम्मानित किया जाएगा। वशिष्ट शहर व पुलिस विभाग में पड़ी लवारीश शवों का दाह संस्कार करते है । उनका कहना है कि सेवा शब्द को सेवा के भाव से करनी चाहिए ।
चंडीगढ़ पुलिस विभाग में तैनात डीएसपी श्वेता चौहान ने बताया कि चंडीगढ़ में पहली बार परेड की कमान एक महिला पुलिस कर्मी के हाथों में थमाई गई। इस पर वह अपने आलाअधिकारियों का धन्यावाद किया । श्वेता ने बताया कि उसने बहुत मेहनत की है। आजकल हर जगहों पर महिलाएं पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। हमें महिलाओं को कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिलओं की तरक्की में सबसे जरूरी है पढाई और सेल्फ डिफेंस । जिसके चलते वह कहीं पर भी मात नहीं खा सकती और सिर उठाकर चल सकती है।
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