By 121 News
Chandigarh, May 11, 2024:-प्राचीन कला केन्द्र द्वारा 295वीं मासिक बैठक का आयोजन केन्द्र के 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार में सांय 6:30 बजे से किया गया । जिसमें इलाहाबाद से आए पंडित विजय चंद्रा ने कीबोर्ड (सिंथेसाइज़र) की प्रस्तुति पेश की जिसमें इन्होंने कीबोर्ड जैसे पाश्चात्य वाद्य को शास्त्रीय रागो से सजा कर पेश किया । इस अवसर पर केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर उपस्थित थे ।
पंडित विजय चंद्र ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए एक ऐसा विदेशी साज़ चुना जिस पर संगीत साधना करना बहुत कठिन काम था पर जहाँ चाह वहां राह वाली कहावत को सच करने वाले कलाकार विजय चंद्र ने न केवल इस कला को सिद्ध किया बल्कि देश और विदेशों में भी इस कला का बखूबी प्रदर्शन करके खूब प्रशंसा हासिल की
इस कार्यक्रम की शुरूआत पंडित विजय चंद्रा ने राग किरवानी से की जिसमें विलम्बित मध्य लय की रचना के पश्चात रूपक ताल पर आधारित एक और रचना प्रस्तुत की । पंडित विजय चंद्रा एक ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने पाश्चात्य वाद्य को शास्त्रीय संगीत से समाहित करके एक नया प्रयोग किया और वह सफल भी रहे । आज उनका ये प्रयोग सफलता के नए आयाम बना रहा है ।
कार्यक्रम का समापन इन्होंने द्रुत तीन ताल से सजी बंदिश से किया । जिसे दर्शकों ने बखूबी सराहा । एक मधुर धुन से समापन करके पंडित विजय चंद्रा ने दर्शकों की खूब तालियां लूटी । आज के कार्यक्रम की सफलता का आधा श्रेय जानेमाने तबला वादक उस्ताद रफीउद्दीन सबरी को भी जाता है । जिन्होंने बखूबी संगत करके कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए । कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को मोमेंटो तथा उतरीया देकर सम्मानित किया गया।
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