Sunday, 31 July 2016

Bhishma Pitamah Award Dr K S Chugh

By 121 News

Chandigarh 31st July:- Prof K S Chugh, a world renowned nephrologist and popularly known as Father of Nephrology in India, Former Head of Department of Nephrology and currently Emeritus Professor of Nephrology, Postgraduate Institute of Medical Education and Research, Chandigarh has been awarded Bhishma Pitamah Award at the Inaugural Function of the 5th Congress of Association of Vascular Access and interventional Renal Physicians (AVATAR) held at Delhi. This Association aims at training, education and scientific research in various interventional procedures including AV fistula, insertion of CAPD catheters for continuous ambulatory peritoneal dialysis, renal biopsies and other critical care procedures required by renal disease patients. Such expertise is available only in tertiary care centers. The award has been given for the outstanding contribution made by him in the field of interventional nephrology during the last six decades.

Dr K S Chugh is a recipient of several other national and international awards including Padmashree by the Govt. of India. The International Society of Nephrology has acknowledged the pioneering work and outstanding contributions of Dr K S Chugh and has included him amongst 50 legends in Nephrology on whom video films have been made for inclusion in World Nephrology Legacy Library.

 

खालसा कॉलेज में शिव कुमार बटालवी की याद में संगीत समारोह का आयोजन

By 121 News

Chandigarh 31st July:- खालसा कॉलेज (अमृतसर) टेक्नोलॉजी एैंड बिजनेस स्टडीज में आज पंजाब के मशहूर और बड़ी छोटी उम्र के कवि शिव कुमार बटालवी के जन्म दिवस के अवसर पर एक संगीत समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन कॉलेज परिसर के ऑडोटोरियम में सोसाइटी ऑफ इंडियन म्यूजिक एंड आर्ट खालसा कॉलेज अमृतसर एल्युमिनी एसोसिएशन, मोहाली के सहयोग से करवाया गया। इस कार्यक्रम में पंजाब के प्रसिद्व कवि शिव कुमार बटालवी के  उन गीतों को गाया गया जिसमें उन्होंने समाज, महिलाओं और कुदरत से जुड़े रोमांटिक और समाज को नई दिशा देने वाले थे। 

इस संबंध में खालसा कॅालेज एसोसिएशन मोहाली के एल्युमिनी के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह बोपाराय आइ..एस रिटायर्ड, महासचिव गुरचरन सिंह बोपाराय, सचिव स्वर्ण सिंह संधू ने बताया कि आज से पहले प्रसिद्ध कवि शिव कुमार बटालवी की बरसी ही मनाई जाती थी जिसमें सिर्फ सैड सांग की गाए जाते हैं और उनको सच्ची श्रद्वांजलि अर्पित की जाती थी लेकिन इस बार बठालवी जी का जन्म दिवस मनाने का फैसला किया गया जो हर साल आगे भी मनाया जाता रहेगा। संधू ने बताया कि इस कार्यक्रम में सिर्फ मनोंरंजक रोमांटिक गीतों को गाया गया। उन्होंने बताया कि शिव कुमार बटालवी ऐसा नहीं है कि उन्होंने सिर्फ सैड सांग ही लिखे गाए। उन्होंने समाज को कई तरह के रोमांटिक गीत भी दिए जिनमें कोई ऐसा वर्ग जिनको उन्होंने छूआ नहीं। 

इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यातिथियों कॉलेज प्रिंसीपल की ओर दीप प्रज्जवलित करके किया गया। इस अवसर पर कॉलेज में पहुंचे हुए सभी अतिथियों का संस्था के अध्यक्ष ने स्वागत किया इस अवसर पर विशेष अतिथि के तौर पर पूर्व ओलाम्पियन खिलाडी बलबीर सिंह उपस्थित थे। कॉलेज प्रिंसीपल डा. हरीश कुमारी ने आए हुए मेहमानों उपस्थित श्रोताओं का तहदिलों से धन्यवाद किया। इस अवसर पर जरनैल बैंस, एन.एस. रत्न आइ..एस. रिटायर्ड,प्रो. कश्मीर सिंह गिल,सेवी रायत, जनक राज के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे। 

पंजाब के प्रसिद्व कवि शिव कुमार बटालवी के रोमांटिक गीतों की जिस तरह से उपस्थित कवि और कवित्रियों  समां बांधा कि वहां पर उपस्थित श्रोतागणों ने जम कर तालियां बजाई और खूब वाहवाही लूटी इतना ही नहीं सबसे पहले लंग गिया वे माकहिया सावण लंग गिया वे, शाम दी फिक्की फि क्की धुंध एक को स्वर्ण सिंह संधू और गुर चरन सिंह बोपाराय, के अलावा हाए अजज अंबर लिस्से, लिस्से को आर.डी. कैले ने बाखूबी से प्रस्तुत किया। इसके अलावा कई ऐसी कवित्रियां जिनमें सुरजीत बैंस,तारन गुजराल ने भी अपनी प्रस्तुति दी। 

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Sant Nirankari Mission organizes Special Mahila Samagam

By 121 News

Chandigarh 31st July:- Mohinder Singh Ji, Sanyojak, Chandigarh Branch said at the Sant Nirankari Satsang Bhawan, Sector 30 that the Sant Nirankari Mission organized  today a special Mahila Samagam at Delhi  to encourage its women devotees, particularly the youth, to better understand the Mission's philosophy and to take it forward in the new situation created by sudden demise of Nirankari Baba Hardev Singh Ji Maharaj.

Further he said that the Samagam was attended by thousands of women devotees of the Mission from all the 29 Sectors of Delhi. A leading missionary and a member of the holy family (Guru Parivar), Rev Raj Kumari (Raj Mami) Ji presided. Various Members of the Central Planning and Advisory Board, Executive Committee of the Mandal and a large number of other Mahapurushas were also present to encourage the participants.

In order to keep the theme of the Samagam in focus, the organizers had given certain topics to speakers, poets and Geetkars to highlight in their own different ways. They included: Satguru as a physical manifestation of the Formless One - God; Baba Hardev Singh Ji Maharaj as a crusader for Humanness; Love and faith make devotion perfect; and Company of saints as a source to transform one's thoughts. The Samagam came as a climax of a series of Sector-level Samagams on July 9 and Zonal-level Samagams on July 16 and 23, 2016 across the country.

Addressing the Samagam, Rev Raj Kumari (Raj Mami Ji) said that when we look around, we find the world burning with hatred, jealousy and violence. The only way to find peace and prosperity is to attain God-knowledge which is the source of divine virtues like love, compassion, tolerance and cooperation.

God-knowledge, Rev Mami Ji said, can be attained only with the grace of Satguru. In fact, Satguru is the direct manifestation of the Formless One-God, in human form. If we obey Satguru, we obey God. Satguru Mata Savinder Hardev Ji Maharaj today enjoins upon us to do Satsang, Sewa and Sumiran which keep us linked with God and also promotes the feelings of love, respect and unity.

Referring to Baba Hardev Singh Ji Maharaj, the Former Head of the Mission, Rev Mami Ji said that as stated by Her Holiness Mata Ji we can pay our best tribute to him by following his teachings and taking the Mission to the heights of his dreams. For this, we all have to work shoulder to shoulder, shedding any difference of opinion wherever it may exist.

Rev Mami Ji advised women devotees to pay special attention to the children and bring them to Satsang where they will learn to love each other and respect elders. She said that a house-wife can turn the house into a heaven when she keeps all the members of the family united. She also called upon them to find time for Satsang regularly and do Sewa wherever they get an opportunity. She also advised them to adopt the spirit of humility and sweet language.

Earlier, Holy Sister Bindiya Chhabra Ji said that devotion is never identified with status, position or power. It is complete submission of the devotee before Satguru. He or she must obey the word of Satguru in letter and spirit without any argument. Let all devotees march forward with the spirit of love and cooperation, work shoulder to shoulder and take the Mission forward.

The Samagam was marked by speeches, songs and skits to highlight various aspects of the ideology of the Mission. A Quiz Programme also remained a highlight that showed the interest the devotees; particularly the youth among women are taking in the history and philosophy of this great Mission.

 

 

 

जिसके पास धन, स्वास्थ्य और संस्कार तीनो हैं वह भाग्यशाली:मुनि श्री तरुण सागर जी

By 121 News

Chandigarh 31st July:- आज कड़वे प्रवचनों के दूसरे दिन प्रख्यात क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज के कड़वे प्रवचनों को सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल महामहिम बलरामजी दास टंडन  पहुंचे हुए थे | इनके अतिरिक्त उनके कड़वे प्रवचनों को सुनने हेतु जैन समुदाय एवं ट्राइसिटी की जनता की भीड़ उमड़ पड़ी | विशाल वातानुकूलित पंडाल भी छोटा पड़ गया और लोगों को खड़े रह कर प्रवचन सुनने पड़े | इस दौरान  भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रभारी संजय टंडन बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे एवं मुनिश्री जी का आशिरवाद प्राप्त किया | कड़वे प्रवचनों की शुरुआत मुनिश्री जी ने मंत्रोचारण से की |

मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज ने अपने कड़वे प्रवचनों से आई सांगत को भाग्य की परिभाषा समझाई | उन्होंने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए संत का आगमन भाग्य है, संत के प्रवचन सौभाग्य है, संत के दर्शन अहोभाग्य है, संत का मन वासन महाभाग्य है | परन्तु संत आएं फिर भी हम कोरे के कोरे रह जाएँ यह हमारा दुर्भाग्य है | उनके अनुसार जिस व्यक्ति के पास धन, स्वास्थ्य और संस्कार तीनो हैं वह व्यक्ति भाग्यशाली है | उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में जीते हुए सिमरन करते रहना चाहिए | महावीर स्वामी जी ने कहा है कि अपना किया कर्म देर सावेर सही सामने अवश्य आता हैयदि जीवन को स्वर्ग बनाना है तो अपने मात पिता को अपने पास अपने साथ रखो |   उन्होंने अपने कड़वे प्रवचनों में बताया की भगवान आपको याद करे उससे पहले भगवान् को याद कर लेना चाहिए |

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि कड़वे प्रवचनों को करने वाले इस संसार में बहुत कम संत हैं परंतु कड़वे प्रवचनों द्वारा श्रद्धालुओं को निहाल करने का श्रेय एकमात्र क्रन्तिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज को जाता है | सर्वप्रथम कड़वे प्रवचनों की किताब पढ़ कर महैरान था कि जीवन के सत्य को मुनिश्री जी ने कितने स्पष्टता से लिखा हुआ है एवं चंडीगढ़ वासी होने के नाते धन्यवादी हूँ कि अपने कड़वे प्रवचनों कि अमृत वर्षा के लिए मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज चंडीगढ़ पधारें हैं |

चातुर्मास समिति के प्रधान धर्म बहादुर जैन, महामंत्री कैलाश जैन और दिगंबर जैन सोसायटी के प्रधान नवरतन जैन के अनुसार इस अवसर पर दिगम्बर जैन मंदिर के सामने रामलीला ग्राउंड में मुनिश्री जी महाराज के कड़वे प्रवचनों के दौरान विशेष पहली बार स्वचालित आसान तैयार किया गया था जिस पर बैठ कर मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज कड़वे प्रवचनों से आये  हुए श्रद्धालुओं को समझाते हैं | इस बार विशेषतः श्रद्धालुओं के लिए वातानुकूलित पंडाल का इंतज़ाम किया गया है |

उन्होंने बताया कि मुनिश्री तरुणसागर जी महाराज के दर्शनों के लिए दिगंबर जैन मंदिर में  श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है | मंदिर में रोज़ाना शाम 6 बजे से तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग आनंद यात्रा का कार्यक्रम होता है | जिसमें श्रद्धालुओं को नाभि से उठने वाली हंसी राज बताते है | कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जिनवाणी चेनल से होता है | इस कार्यक्रम में मुनिश्री तरुण सागर जी हँसते मुस्कराते श्रद्धालुओं को आनंद विभोर करते हैं  |