निरंकारी मिशन द्वारा यह दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी के परोपकारी जीवन एवं उनकी लोक कल्याण की भावना को समर्पित है। युगदृष्टा सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के निर्देश कि 'रक्त नाड़ियों में बहना चाहिए नालियों में नहीं' की पालना करते हुए निरंकारी मिशन द्वारा सन् 1986 से आरम्भ हुई परोपकार की यह मुहिम, महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। इन शिविरों में अभी तक 13,31,906 युनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी ळें।
इस अवसर पर ज़ोनल इन्चार्ज ओ पी निरंकारी ने यहां सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रक्त दाताओं का हौंसला देख कर उनकी सराहना करते हुए कहा कि स्वेच्छा से स्वयं को रक्त दान हेतु समर्पित करना बहुत ही सराहनीय है और यह जो दान किया जा रहा है यह परमात्मा द्वारा दिए गए तन से ही किया जा रहा है क्योंकि हम सभी के शरीर में परमात्मा ने एक रिजर्व रक्त का सिस्टम बनाया होता है उसी के कारण ही हम रक्त दान कर पाते हैं । हमारे शरीर में प्रवाह करने वाला रक्त जहां हमें जीवन दान देता है वहां हमारे द्वारा दान किया गया रक्त दूसरों को भी जीवन दान देता है । श्री निरंकारी ने कहा कि स्वेच्छा से रक्तदान करना मानवता दिवस को व्यवहारिक रूप देने का एक स्पष्ट उदाहरण है क्योंकि यह दान वही कर सकता है जिसमें मानव को मानव हो प्यारा की भावना होती है ।
इस अवसर पर चण्डीगढ़ के सयोजक नवनीत पाठक ने उपस्थित सभी एरिया के मुखी व सेवादल के अधिकारी तथा पी.जी.आई. चण्डीगढ़ से आई डाक्टरों की टीम व सभी रक्तदाताओं का धन्यवाद किया ।
No comments:
Post a Comment