Thursday, 16 January 2014

Immigration Fraud:Immigration Company Dupes People With Rupees 9 Lakhs

By 121 News Reporter

Chandigarh 16th January: --  आज के इस युग में हर किसी का सपना है, कि कम मेहन्त करके अधिक से अधिक पैसा कमाने की होड़ लगी हुई है। इसी विदेश जाने की होड़ में इंसान अपनी मेहन्त की कमाई के साथ साथ सब कुछ गवा लेते है। ऐसा ही एक मामला चंडीगढ़ स्थित सैक्टर-3 थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां पर एक इमीग्रेश्न कंपनी के व्यक्ति ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों रूपए ऐंठ कर रफूचक्कर हो गया था। जिसके बाद शिकायत कर्ता ने उसे सैक्टर-8 एक नीजी इमीग्रेश्न कंपनी के दफ्तर से दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन पुलिस इस मामले के चलते कोई कारवाई करते हुए मामले को दबाने में लगी हुई थी। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता को समझोता करवाने के लिए दबाव बनाती रही। इतना ही नहीं कैमरे के आगे थाना पुलिस के कोई भी अधिकारी कैमरे के आगे कुछ भी कहने से कन्नी काट रही है।

मनीमाजरा निवासी जयवर्धन सिंह का कहना है कि उसके परिजनों ने विदेश जाने के लिए मंदीप मानक व्यक्ति जो की इमीग्रेश्न कंपनी का संचालक है। उसे गत दो साल पहले 9 लाख रूपए दिए थे। जिसके बाद उसने तो फोन उठाया ही उन्हें विदेश भेजा। जिसके बाद इसकी शिकायत पुलिस विभाग को दी, लेकिन पुलिस भी मंदाप नामक व्यक्ति का कोई सुराग नहीं लगा पाई थी। वहीं आज सैक्टर-8 के नीजी इमीग्रेश्न कंपनी के बाहर उसे देखा, मंदीप उसे देखकर वहां से भाग निकला, लेकिन शोर मचाने पर वहां तैनात बीट पुलिस ने मंदीप को दबोच लिया। जिसकी जानकारी पुलिस विभाग को दी , पुलिस ने भी उसके खिलाफ कोई कारवाई करके केवल मामले को दबाने में लगी हुई है।

मनीमाजरा निवासी जयवर्धन सिंह का कहना है कि मंदीप को हमने उसे कई किश्तों में दिए थे। इतना ही नहीं मंदीप को पैसे देते समय उसकी विडिय़ो ग्राफी की , इस बात की जानकारी मंदीप को नहीं थी। उस विडियोग्राफी को पुलिस को भी दिखाई। लेकिन पुलिस ने उसके बाद भई कोई कारवाई करके , मामले को दबाने लगी रही वहीं गत दो साल पहले उसने धोखादड़ी की शिकायत चंडीगढ़ पुलिस को भी थी। लेकिन थाना पुलिस दो साल पुरानी शिकायत लाने के लिए कहती रही

हैरानी की बात यह है कि शिकायकर्ता ने खुद ही धोखादड़ी करने वाले मंदीप को दबोचकर पुलिस के हवाले किया उसके बावजूद विडियोग्राफी भी दिखाई , लेकिन पुलिस ने कोई कारवाई करके पुरानी शिकायत का नंबर मांगते रहे जबकी यह शिकायत उसने दो साल पहले दी थी। अगर पुलिस कारवाई करने में इतना समय लगाएगी तो कैसे क्राईम पर रोकथाम हो पाएगी।

 

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