By 121 News
Chandigarh, Oct. 14, 2022:- कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे का भारतीय जनता पार्टी किसी भी तरह से समाधान नहीं चाहती है। भाजपा की चाहत है कि यह मुद्दा हमेशा हमेशा के लिए मुद्दा ही बना रहे। जब कभी जरूरत हो तो इसे हवा दे दी जाए, अन्यथा इस पर चुप्पी साधे रहें। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री की बैठक काे कुमारी सैलजा ने ढकोसला करार देते हुए कहा कि इनकी नीयत और नीति में फर्क है, इसलिए इन्हें जनता को दिखाने के लिए इस तरह के ढोंग करने पड़ रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा नेता नहीं चाहते कि हरियाणा को एसवाईएल का पानी मिले, इसलिए आज तक इन्होंने कोई भी ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे हरियाणा की आवाज बुलंद हो सके। साल 2002 में एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आया था, लेकिन पंजाब ने उस फैसले को नहीं माना और जितने भी अंतर्राज्यीय जल समझौते थे, उन्हें एक विधेयक पारित कर रद्द कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब द्वारा पारित उक्त विधेयक को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया। इस मुद्दे पर प्रदेश में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें फैसला लिया गया कि राजनीति से ऊपर उठ कर सभी दल राष्ट्रपति से मिलेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आश्वस्त किया था कि वह अपने स्तर पर प्रधानमंत्री से समय लेंगे और एसवाईएल के निर्माण की मांग करेंगे।
कुमारी सैलजा ने कहा कि उन बातों को अब छह साल हो गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री से कोई बात नहीं की और न ही एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए कोई प्रयास किया। 2019 में भाजपा-जजपा के गठबंधन की सरकार बनने के बाद भी इस सिलसिले में कोई कदम नहीं उठाया गया। एसवाईएल के निर्माण के लिए इन्होंने कभी गंभीर प्रयास ही नहीं किए। यहां तक कि जब केंद्र, हरियाणा और पंजाब में भाजपा की सरकार रही तो भी कोई दिलचस्पी नहीं ली गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब फिर से राजनीतिक फायदे के लिए मुख्यमंत्री एसवाईएल के मुद्दे को बाहर निकाल लाए हैं, लेकिन जनता इनकी चाल को समझ चुकी है। अगर मुख्यमंत्री साफ नीयत से प्रयास करते तो आज एसवाईएल का पानी हरियाणा को मिल गया होता।
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