By 121 News
Chandigarh, Oct. 14, 2022:-हड़ताल के शामिल चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों की प्रशासन द्वारा की गई दमनात्मक कार्यवाहियों को वापस नहीं लिया गया तो बिजली कर्मचारी देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह फैसला भकना भवन, चंडीगढ़ में चल रहे इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन के दुसरे दिन सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में लिया गया। यह जानकारी भकना भवन में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के उप प्रधान एवं मीडिया प्रभारी सुभाष लांबा ने दी। प्रेस ब्रीफिंग में फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव जय प्रकाश ( केरला) राजेन्द्रन (तामिलनाडु) व मोहम्मद मकबूल (जम्मू एंड कश्मीर) व गोपाल दत्त जोशी (चंडीगढ़) मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने 22-24 फरवरी,2022 को तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी को प्रशासन व यूनियन के बीच समझौता हो गया था। जिसके बाद बिजली कर्मचारियों ने ड्यूटी संभाल कर चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति को बहाल किया था। उन्होंने कहा कि समझौते को लागू करने की बजाय प्रशासन ने बदले की भावना से ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, यूटी पावरमैन यूनियन चंडीगढ़ के ध्यान सिंह व महासचिव जीडी जोशी सहित 143 कर्मियों के खिलाफ एस्मा में एफआईआर दर्ज करवा दी। प्रशासन ने 17 कांट्रेक्ट कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया और 129 कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किए थे। प्रस्ताव में चंडीगढ़ प्रशासन पर वादाखिलाफी करने और बिजली विभाग को कौड़ियों के भाव में निजी हाथों में सौंपने के लिए डर का माहौल बनाने का आरोप लगाया। प्रस्ताव में बदले की भावना से की गई सभी प्रकार की उत्पीड़न एवं दमनात्मक कार्यवाहियों को वापस लेने की मांग की।
सम्मेलन में 15 प्रस्ताव पारित किए गए
राष्ट्रीय सम्मेलन में बैंक,बीमा, पीएसयू और नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन, निजीकरण, डिसइनवेस्टमेंट की नीतियों को रद्द करने, एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने,भूमि अधिकार कानून के लिए चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन एवं मजबूत करने, लेबल कोड्स को रद्द करने, बेरोजगारी पर रोक लगा कर बेरोजगारों को रोजगार देने, केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जुझारू एवं आक्रमक आन्दोलन का निर्माण करने, नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 को वापस लेने, सांप्रदायिकता के खिलाफ एकताबद्ध एवं जुझारू संधर्ष करने, ठेका प्रथा के खिलाफ कांट्रेक्ट वर्कर का एकता के साथ आक्रमक एवं जुझारू संधर्ष करने, ठेका कर्मियों को पक्का करने, जम्मू एंड कश्मीर में धारा 311 का दुरुपयोग करते हुए बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को बहाल करने, किसान एवं मजदूर की एकता को मजबूत करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कृषि उत्पादों को एमएसपी देने आदि प्रस्ताव पारित किए गए।
सम्मेलन के समापन शुक्रवार को होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान
ईईएफआई के कार्यकारी अध्यक्ष का. एस.देवराय ने बताया कि शुक्रवार को सांगठनिक एवं वित्तीय रिपोर्ट पर दो दिनों में हुई बहस का क्रमशः महासचिव प्रशांत नंदी चोधरी व वित्त सचिव एस एस सुब्रमण्यम जबाव देंगे। इसके बाद दोनों रिपोर्ट को पारित करवाया जाएगा। रिपोर्ट पारित होने के बाद राष्ट्रीय पदाधिकारियों का चुनाव किया जाएगा। इसके बाद नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्मेलन का समापन भाषण देंगे और तीन दिन हुई बहस के अनुसार राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान करेंगे।
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