By 121 News
Chandigarh August 27, 2021:- फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) द्वारा आज यहां एक अग्नि सुरक्षा प्रदर्शनी और सेमिनार का आयोजन किया गया। चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा ने आज सेक्टर 17 स्थित होटल शिवालिक व्यू में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान अग्नि सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं के जानकार इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन 2002 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो अग्नि सुरक्षा, जीवन सुरक्षा, सुरक्षा, भवन स्वचालन, क्षतिपूर्व बचाव और जोखिम प्रबंधन डोमेन का प्रतिनिधित्व करता है।
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर रविकांत शर्मा ने इस आयोजन के माध्यम से शहर में अग्नि से संबंधित सुरक्षा और सावधानी के बारे में विशेषज्ञों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने और ज्ञान साझा करने के लिए एफएसएआई के प्रयासों की सराहना की।
फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) 26-27-28 अगस्त, 2021 को चंडीगढ़ सहित 27 शहरों में एक एक्सपो का आयोजन कर रहा है। एक्सपो में आग और सुरक्षा क्षेत्र से संबंधित उत्पादों, सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टॉल शामिल हैं। इसके अलावा, विशेष लेक्चर्स और पैनल डिस्कशन भी हुई, जिनमें विभिन्न नए अग्नि सुरक्षा समाधानों के बारे में प्रमुखता से बात की गई।
आपदा प्रबंधन पर एक भाषण देते हुए, एफएसएआई चंडीगढ़ चैप्टर के प्रमुख, सुरिंदर बहगा ने भूकंप प्रतिरोधी संरचनाओं को डिजाइन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस संबंध में उन्होंने आगे कहा कि भारत में हर साल इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों को न अपनाने के कारण काफी लोगों की कीमती जानें चली जाती हैं। संबंधित अधिकारियों को नीतियों और उपनियमों के साथ सामने आना चाहिए जिन्हें जमीनी स्तर पर लागू किया जा सकता है।
इस अवसर पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बोलते हुए, डॉ.मंजरी खन्ना कपूर, जो इस विषय में डॉक्टरेट हैं, ने समझाया कि डिजाइन द्वारा सुरक्षा इस सहस्राब्दी (मिलेनियम) में सुरक्षा और डिजाइन के लिए एक वैश्विक दृष्टिकोण है, जिसका अधिकांश समकालीन इमारतों और शहरी नियोजन में पालन किया जा रहा है। यह रक्षा और भौतिक सुरक्षा के प्राथमिक साधन के रूप में 'बिल्ट इनवॉयरमेंट' पर ध्यान केंद्रित करते हुए वास्तुकला (आर्किटेक्चर) और योजना के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है। इसको और अधिक व्यापक किए जाने की जरूरत है।
पेडा के प्रोजेक्ट इंजीनियर मनी खन्ना ने सेमिनार के दौरान अपने प्रमुख संबोधन में कहा कि एफएसएआई के देश भर से सदस्य हैं। एफएसएआई का देशभर के राज्यों में 24 चैप्टर्स अध्यायों द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है। उन्होंने इस दौरान सेमिनार में सभी का स्वागत भी किया और कहा कि इस तरह के आयोजन इस क्षेत्र की जरूरतों और नए बदलावों को जानने और समझने का मौका देते हैं।
इंडो ग्लोबल कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, अभिपुर के प्रोफेसर प्रोफेसर मनुजीत खुराना ने ऊंची इमारतों में अग्नि सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि ऊंची इमारतों के निर्माण ने अग्नि सुरक्षा के लिए कई तरह की अलग अलग नई समस्याओं को सामने उषागर किया है। आर्किटेक्चर की ख़ासियत, जो ऊंची इमारतों से ढकी हुई है, आग में बड़ी संख्या में लोगों के लिए खतरा पैदा करती है और उनकी निकासी और बचाव की संभावना को कम करती है। सुरक्षित संचालन, रहने और लोगों को निकालने से संबंधित इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए अग्नि सुरक्षा प्रणाली का विकास बेहद जरूरी है। नए उपायों से ही ऊंचें भवनों में अग्नि सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
इस दौरान बिल्डिंग सर्विसेज कंसल्टेंट अनुज अग्रवाल ने कहा कि ''हेल्थकेयर, हॉस्पैटिलिटी एंड होम्स: इमरजेंसी प्रिपेयरडनेस'' पर एक विस्तृत पैनल चर्चा का संचालन किया, जिसमें बी.एस.संधू, फायर एडवाइजर, पंजाब सरकार, डॉ.रिशम सिंगला और राजन मित्तल ने प्रमुखता से हिस्सा लिया और अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए।
इस कार्यक्रम में क्षेत्र और पूरे देश के आर्किटेक्ट्स, इंजीनियरों, बिल्डरों और कंसल्टेंट्स आदि सहित 100 से अधिक प्रतिष्ठित प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर एक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया गया।
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