Friday, 25 April 2025

प्राचीन कला केंद्र ने संगीत कार्यक्रम और पेंटिंग प्रदर्शनी का किया आयोजन 

By 121 News
Chandigarh, April 25, 2025:-प्राचीन कला केंद्र के छात्रों द्वारा कला के रंगो में  भीगी  शास्त्रीय संगीत की मधुर  प्रस्तुतियां
 प्राचीन कला केंद्र की  विशेष सांगीतिक संध्या  परंपरा में संगीत कार्यक्रम और पेंटिंग प्रदर्शनी  का आयोजन शहर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आज सैक्टर 71 स्थित डॉ शोभा कौसर सभागार में मासिक कड़ी परम्परा के अगले संस्करण में केन्द्र के छात्रों द्वारा संगीत की विशेष संध्या का आयोजन किया गया  और साथ ही  पेंटिंग के खूबसूरत रंगो से सजी पेंटिंग  की एक प्रदर्शनी भी केंद्र  में लगाई गयी।   केन्द्र में कार्यरत संगीत प्रशिक्षिका  चरणजीत कौर एवं तबला शिक्षक अमनदीप गुप्ता के निर्देशन में छात्रों ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन करके खूब तालियां बटोरी  और चित्रकला की  प्रशिक्षिका स्नेहलता जेना से पेंटिंग सीख रहे बच्चों ने अपनी पेंटिंग प्रदर्शनी से दर्शकों को  मंत्रमुग्ध कर दिया।  इस कार्यक्रम में लगभग 53 कलाकारों ने भाग लिया ।  केंद्र द्वारा चित्रकला की सुन्दर प्रदर्शनी लगाई गयी जिस में केंद्र में सीख रहे बच्चों लगभग 29  बच्चों  द्वारा बनाई गयी पेंटिंग को  कला के खूबसूरत रंगों से सजाया गया था।  नन्हे हाथों  द्वारा कागज़ और कैनवास पर बेहतरीन  पेंटिंग की ख़ूबसूरती देखते ही बनती थी।  

आज के कार्यक्रम में  कला के रंगों से  सजी परम्परा में सरस्वती वंदना हे शारदे माँ से कार्यक्रम की शुरूआत की गई  जिस में अनुराधा एवं साथियों द्वारा हारमोनियम पर प्रस्तुति पेश की गयी । साथ ही  राग भैरव में  एक रचना पेश की गयी जिसे रिद्धिमा  अग्रिमा   मेघा  पलक  हरलीन  माही आयान   एवं अनादि ने भाग लिया ।  इसके उपरांत राग भैरवी में भी सोमिल द्वारा रचना पेश की गयी।  इसके बाद बच्चों द्वारा आर्केस्ट्रा  पर कीबोर्ड से  प्रस्तुति पेश की गयी जिस में बच्चो द्वारा प्राचीन कला केंद्र पर आधारित गीत जिसके बोल थे   जाऊ मैं प्राचीन कला केंद्र में  सीखूं गायन  वादन नृत्य  गुरुजन से मैं सीखू चित्रकला  उपरांत   एक कलाकार तृषा द्वारा भजन तुम बिन कौन खबर ले मेरी पेश किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।  इसके उपरांत राग मालकौंस में  निबद्ध बड़ा ख्याल  छोटा ख्याल एवं तराने की रचनाये पेश करके खूब तालियां बटोरी।

इसके बाद दर्शकों ने  तबला वादन का आनंद लिया  जिस में तीन ताल पर तबले की  बेहतरीन प्रस्तुति पेश की गयी।  तीन ताल पर आधारित कायदे रेले इत्यादि पेश किये गए।     कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ शोभा कौसर एवं  डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ समीरा कौसर  ने कलाकारों  एवं गुरुओं  की भी प्रशंसा की ।  शास्त्रीय संगीत सीख रहे ये विद्यार्थी  देश की  खूबसूरत एवं विराट संस्कृति को प्रफुल्लित एवं प्रसारित करने में  अपना योगदान दे रहे हैं जोकि  केंद्र द्वारा एक सराहनीय कदम है।   भारतीय संगीत की  ख़ूबसूरती को  नयी पीढ़ी तक पहुँचाने में प्राचीन कला केंद्र की भूमिका एहम एवं प्रशंसनीय है।

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