By 121 News
Mohali, Dec.20, 2023:-मोहाली की परमानेंट लोक अदालत ने गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को डेफिशियेंसी ऑफ सर्विसेज के चलते खरीददार को 1.25 रुपए मुआवजा देने का फैसला सुनाया। यह फैसला मोहाली की परमानेंट लोक अदालत की चेयरपर्सन गुरमीत कौर ने सुनाया। शिकायतकर्ता की तरफ से केस की पैरवी एडवोकेट जतिन कुमार सैनी कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक केस के शिकायकर्ता जंग बहादुर सिंह ने कोर्ट में दी अपनी शिकायत में बताया था कि उन्होंने जनवरी 2017 में मोहाली के ऐरोसिटी के ब्लॉक बी में एक प्लॉट ख़रीदा था जिसके चलते उन्होंने समय के साथ 18 प्रतिशत ब्याज के साथ कुल 36 लाख रुपए की रकम गमाडा में जमा करवा दी थी। ऐसे में शिकायतकर्ता ने जब फरवरी 2017 में प्लॉट में कंस्ट्रक्शन शुरू की तो नियमों के मुताबिक गमाडा द्वारा उन्हें बेसिक सुविधाएं ही नहीं दी गई। गमाडा द्वारा खरीदार को ना बिजली कनेक्शन, ना सीवेरज कनेक्शन और ना ही उनके एरिया में स्ट्रीट लाइटें मुहैया करवाई गई, जिसके चलते शिकायतकर्ता ने कई बार गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को शिकायत लिखी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में शिकायतकर्ता ने गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के खिलाफ कोर्ट में याचिका डाली, जिसके चलते कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को 1.25 लाख का जुर्माना लगाया।
सिर्फ दो महीने में जुर्माना जमा करवाए सीए व ईओ गमाडा: कोर्ट
शिकायतकर्ता के वकील जतिन कुमार सैनी ने बताया कोर्ट ने गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को 1.25 लाख रुपए जुर्माने के रूप में शिकायतकर्ता को सिर्फ 2 महीने के अंदर-अंदर जमा करवाने के निर्देश दिया। उन्होंने बताया की गमाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, इस्टेट ऑफिसर व डिविज़नल इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) अगर दो महीने के अंदर पैसे जमा नहीं करवाते तो उनके खिलाफ एग्ज़िक्यूशन का केस फाइल कर उनकी सैलरी अटैच करवाई जाएगी।
No comments:
Post a Comment