By 121 News
Chandigarh, July 28,2023:- पंजाब की रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ने आज यहां रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की बैठक की मेजबानी की। करीब 30 सालों के बाद पंजाब रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रीय बैठक की मेजबानी की है। बैठक में देश के 15 विभिन्न राज्यों से व्हीट फ्लोर मिलर्स ने भाग लिया और इस दौरान व्हीट मिलिंग इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और लाल चंद कटारुचक थे।
रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ऑफ पंजाब से उपस्थित लोगों में अध्यक्ष धरमिंदर सिंह गिल, उपाध्यक्ष अनिल पोपली, महासचिव दीनम सूद, वित्त सचिव विपिन मित्तल और संयुक्त सचिव शुभम गोयल शामिल थे।
रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया से उपस्थित लोगों में अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत चितलांगिया, मानद सचिव रोहित खेतान और धर्मेंद्र जैन शामिल थे।
रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के पंजाब चैप्टर के अध्यक्ष धरमिंदर सिंह गिल और पंजाब चैप्टर के उपाध्यक्ष अनिल पोपली ने कहा कि रोलर फ्लोर मिलिंग इंडस्ट्री एक एमएसएमई इंडस्ट्री है, और पंजाब जैसे प्रमुख कृषि प्रधान राज्य के किसानों की समृद्धि के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है। बदलते समय में इस इंडस्ट्री को मजबूत करने की पहले से कहीं अधिक जरूरी है कि ये राज्य के किसानों के लिए एक मूल्यवान एसेट बन सके।'
उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को गेहूं से अपनी प्रति एकड़ आय बढ़ाने के लिए विशिष्ट किस्मों को उगाने और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को अपनाने की ओर भी बढना होगा। फ्लोर मिलिंग इंडस्ट्री, सरकार और किसानों के साथ मिलकर काम कर सकती है ताकि किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ही नहीं, बल्कि अधिकतम बिक्री मूल्य भी मिल सके।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक में काफी विस्तार से चर्चा के बाद एक प्रस्ताव भी पारित किया और सरकार से कई मांगें रखीं:
ट्रक यूनियनों द्वारा किए जा रहे उत्पीडन को प्रभावी ढंग से रोका जाएः हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं जहां लोगों और इंडस्ट्री को यह चुनने की आजादी है कि वे किसके साथ व्यापार करना चाहते हैं, तो फिर ट्रक यूनियन किसी को अपनी सेवाएं लेने के लिए कैसे मजबूर कर सकते हैं, जबकि वे अपनी सेवाओं के लिए कोई उचित किराया भी नहीं ले रहे हों। इसके साथ ही उनका व्यवहार भी काफी अनुचित है।
एक राज्य एक मंडी लाइसेंस नियम को सरल बनाया जाएगाः वर्तमान में राज्य में प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग मंडी लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है। यदि किसी को सिंगल लाइसेंस प्राप्त करना है तो बैंक गारंटी की आवश्यकता होती है। हमारा अनुरोध है कि बैंक गारंटी की बाधा दूर की जाये।
कोऑर्डिनेटिंग कमेटीः सरकार को इस संबंध में तेजी से ये फैसला करना होगा कि वह किसानों के साथ इंडस्ट्री की बेहतर भागीदारी के लिए योजनाओं को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों और पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की एक समिति बना सकती है। इससे इस पूरे सेक्टर को एक सही दिशा मिल सकेगी।
गेहूं की विशेष किस्मों को बढ़ावाः पंजाब के किसान केन्द्रीय पूल में सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं। अब हम यह भी चाहते हैं कि पंजाब के उत्पादक अधिक कीमत वाली किस्मों की ओर बढ़ें। हमारा प्रस्ताव है कि रोटी के लिए गेहूं की विशेष किस्मों, जो पीएयू द्वारा विकसित की गई हैं, को किसानों के बीच बढ़ावा दिया जाना चाहिए और इसकी प्रोसेसिंग के बाद इंडस्ट्री को अन्य राज्यों में आटा ट्रांसपोर्ट करने के लिए एक फ्रेट इंसेटिव भी दिया जाना चाहिए।
No comments:
Post a Comment