Saturday, 22 October 2022

अस्थमा से ग्रस्त दीपावली पर रहे सतर्क : डॉ अमित मंडल

By 121 News
Chandigarh, Oct.22, 2022:- चंडीगढ़ में जहां हरे पटाखों की अनुमति दी गई है, वहीं शहरवासियों, खासकर सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि ये पटाखों से प्रदूषण कम होता है, लेकिन ये प्रदूषण में इजाफा करते हैं। ग्रीन पटाखे काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च- नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-नीरी) द्वारा विकसित किए गए हैं।

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के पल्मोनोलॉजी, स्लीप एंड क्रिटिकल केयर के डायरेक्टर डॉ. अमित कुमार मंडल ने दीपावली के उपलक्ष्य में एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कहा, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस की अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को इस त्योहारी सीजन में कई दिन पहले ही सावधानी बरतनी शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवाली के समय पटाखों के धुएं से वातावरण में कर्ण पदार्थ और हानिकारक गैसों में लगभग 30-40 प्रतिशत की वृद्धि होती है।

डॉ. मंडल ने कहा, हरे पटाखों ने ध्वनि और तीव्रता को नियंत्रित किया है और कम प्रदूषणकारी हैं। ग्रीन पटाखों में एल्युमिनियम, बेरियम, पोटैशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे प्रदूषणकारी रसायन होते हैं, जिसकी प्रतिशतता 30 है। लेकिन फिर भी इसके हवा में मौजूद रहने से रोगी में अस्थमा का दौरा पड़ सकता है और इससे पुरानी खांसी के अलावा गंभीर सिरदर्द और सांस की समस्या हो पुन: उत्पन्न हो सकती है।

खेतों में आग लगने और ठंडे मौसम की शुरुआत के साथ, स्मॉग का बनना समस्याओं को और बढ़ा देता है। स्मॉग तब विकसित होता है जब वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड (कारखाना उत्सर्जन, कार निकास) और वॉयलेट ऑर्गेनिक कम्पाउंडस (वीओसी) (गैसोलीन, क्लीनिंग सॉल्वैंट्स, पेंट्स) के साथ सूर्य का प्रकाश प्रतिक्रिया करता है, जिससे हवाई कणों और जमीनी स्तर के ओजोन का निर्माण होता है।

डॉ. मंडल फेफड़ों की मौजूदा समस्याओं को और बिगड़ने से बचाने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि जब तक आवश्यक न हो बाहर जाने से बचें (विशेषकर सुबह और शाम के समय), धूल भरे या प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें  और दूर से ही आतिशबाजी का आनंद लें, बाहर जाते समय एक साधारण कपड़ा या ट्रिपल लेयर मास्क पहनें, नियमित दवाओं, विशेष रूप से इनहेलर से न चूकें, साँस की बीमारी वाले मरीजों को सांस की चिकित्सा के साथ नियमित रूप से अपनी दवाएं लेनी चाहिए और अपनी दवाओं को छोड़ना नहीं चाहिए, भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ, ताजी सब्जियां और मौसमी फलों के साथ संतुलित आहार का सेवन करें, नियमित रूप से व्यायाम जैसे पैदल चलना, सांस लेने वाले व्यायाम या योग घर के अंदर ही करने चाहिए। 

No comments:

Post a Comment