Monday, 6 June 2022

लेखिका और कथाकार, युविका ग्रेवाल ने ‘शॉर्ट स्टोरीज फ्रॉम पंजाब’ नई साहित्यिक कृति का विमोचन किया

By 121 News
Chandigarh June 06, 2022:- भरपूर फसलों की भूमि, एक असंख्य संस्कृतियों और एक उदार हृदय, इन सब से जुड़ी पंजाब में कई महत्वपूर्ण कहानियां हैं, जिनको अभी शब्दों की माला में पिरोया जा सकता है! और यही बात प्रसिद्ध लेखिका और कहानीकार युविका ग्रेवाल के नवीनतम साहित्यिक कृति 'शॉर्ट स्टोरीज़ फ्रॉम पंजाब' में भी कहने का प्रयास किया गया है, जिसे आज यहां चंडीगढ़ प्रेस क्लब में रिलीज़ किया गया। 

इस भावपूर्ण और शानदार किताब का विमोचन मुख्य अतिथि डॉ. सुमिता मिश्रा, आईएएस, चेयरपर्सन, चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी द्वारा किया गया। समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर विवेक अत्रे (पूर्व-आईएएस, वाइस चेयरपर्सन, सीएलएस और जाने माने लेखक), अजयपाल सिंह बराड़ (लेखक), अफ्फान येसवी, डायरेक्टर, रायवर्स प्रेस थे।

 विवेक अत्रे ने युविका ग्रेवाल के लेखन कौशल की सराहना की और पुस्तक की शानदार सफलता की कामना की। अजयपाल सिंह बराड़ ने पंजाब के ग्रामीण जीवन की कुछ घटनाओं का उल्लेख किया, जो कि इस पुस्तक के विषयों को सार्थक करती दिखीं। अफ्फान येसवी ने हमारे समाज में कहानी कहने की संस्कृति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस पुस्तक के साथ आने के लिए लेखक की सराहना की जो पंजाबी संस्कृति में गहन नजर मारने में सहायक एक विंडो के रूप में काम करेगी।

ग्रेवाल ने बताया कि इस पुस्तक में बारह गहन कथानक के आधार पर बुनी गई कहानियां शामिल हैं जो ग्रामीण पंजाब के अविश्वसनीय परिवेश की वर्जनाओं को तोड़ती हुई दिखती हैं। ये संग्रह स्थापित परंपराओं को तोड़ते हुए सत्य को सामने लागता है, जो पाठक को पात्रों की संवेदनशीलता और कमजोरियों का गहन आकलन करने के लिए प्रेरित करता है।

ग्रेवाल ने कहा कि जिंदगी में बार-बार उभरकर सामने आने वाले दर्द और पीड़ा को कहानियों के एक उद्देश्य के तौर पर रखते हुए, मैंने मनुष्यों के अतिसंवेदनशील पक्ष के साथ सहानुभूति रखने का एक मामूली प्रयास किया है। इस पुस्तक के विविध विषय मिलकर सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था की सूक्ष्म और प्रमुख खामियों को उजागर करते हैं। ये कहानियां सुनिश्चित तौर पर पाठकों के मन को छूने में सफल साबित होंगी।

इस पुस्तक में चित्रित कहानियां अतीत की विभिन्न समयकाल में पंजाब का काफी बारीकी से निरीक्षण करती हैं। गांव के ज्वलंत दृश्य पाठकों को देहाती पंजाब के परिदृश्य के उसी दौर में ले जाते हैं, जो पात्रों और उनकी अनूठी जीवन शैली के सुखद रूप से काफी करीब हैं। जबकि, सभी उम्र के लोगों का स्पष्ट चरित्र चित्रण उनकी विचित्रताओं, इच्छाओं और लालसाओं को सामने लाता है; जिससे उनके और उनके जीवन के साथ टेलीपैथिक संबंध स्थापित हो सके।

आंशिक कल्पना के साथ तैयार की गई, ये कहानियां पाठक को रोजमर्रा की जिंदगी की हलचल से दूर एक सहज और धीमी गति से चलने वाली दुनिया में ले जाने के लिए निश्चित हैं। शहरी जीवन में इस तरह की जिंदगी की कल्पना और इच्छा लगातार बढ़ती जा रही है।

आत्मा में, यह पुस्तक प्रेम कहानियों का एक संग्रह है जिसमें प्रत्येक कहानी प्यार, लालसा और जुनून के एक अलग रूप के साथ स्पंदित होती है। घटनाओं और क्रियाओं के प्रवाह के माध्यम से, पुस्तक का प्रत्येक पात्र एक व्यक्तिगत समझ और एक नई जागृति तक पहुंचता है।

ग्रेवाल ने आखिर में कहा कि ये कहानियां हमें अस्तित्ववाद और कल्पनाओं के टूटने के बाद होने वाली दुविधा के माध्यम से ले जाती हैं, जिससे दिल और दिमाग समान रूप से आकर्षित होते हैं। इस प्रकार, प्रत्येक कहानी पाठक के लिए याद रखने के लिए अपने आप में पर्याप्त तौर पर काफी शक्तिशाली है, इसे पढऩे के बाद लंबे समय तक, पाठक कहानी और उसके पात्रों से जुड़ाव महसूस करते रहेंगे।

रायवर्स प्रेस, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित, 'शॉर्ट स्टोरीज़ फ्रॉम पंजाब' सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए एक अच्छी पढऩे वाली किताब साबित होने का वादा करती हैं। यह अमेजऩ और फ्लिपकार्ट पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध है और जल्द ही ऑफलाइन स्टोर्स में भी उपलब्ध होगी।

समारोह में उपस्थित मुख्य वक्ता डॉ. स्वराज संधू, जाने माने लेखक और फिल्म अभिनेता और सोनिया चौहान, लेखिका और वकील) ने भी किताब के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि कैसे पुस्तक ग्रामीण पंजाब के सार को समेटे हुए है। उन्होंने पुस्तक के कुछ अंश भी समारोह में उपस्थित लोगों के समक्ष पढ़े और किताब की एक झलक दिखाई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, डॉ.सुमिता मिश्रा ने बेहद गहन और खूबसूरत कहानियों को लिखने के लिए सुश्री ग्रेवाल की सराहना की, जो पंजाब की महक और भाव को शब्दों में पिरोने में सफल रही हैं। डॉ. मिश्रा ने क्षेत्र के नवोदित लेखकों को एक मंच प्रदान करने के लिए प्रकाशक रायवर्स प्रेस के समर्थन की भी सराहना की। उन्होंने अपने भाषण में लेखन की कला की खोज पर जोर दिया और नए लेखकों से अधिक अनुशासित लेखन करने का भी आग्रह किया।

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