By 121 News
Chandigarh June 07, 2022:- चाहे फैटी लीवर बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या है पर जीवन शैली में सुधार करके तथा लगातार चैकअप करवाने से इस पर काबू पाया जा सकता है। सोहाना अस्पताल के गैस्ट्रो विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर जेपी सिंह सैनी ने लीवर बचाव सप्ताह की शुरुआत मौके कहा कि लीवर मानव शरीर का एक अहम अंग है जोकि स्वस्थ रहने के लिए बहुत सारे कार्य करता है, जिनमें मेटाबॉलिज्म, उर्जा भंडारण, खाना हजम करना तथा खून को जहरीले तत्वों से बचाना शामिल हैं।
डॉक्टर सैनी ने बताया कि भारत में लीवर की बीमारी को लाइव स्टाइल से संबंधित बीमारियों के रूप में जाना जाता है। बहुत सारे केसों में रोजाना लीवर से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत हेपेटाइटिस-सी वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शुमार मार हो चुका है। शराब का सेवन करने वाले तथा ना करने वालों में फैटी लीवर की बीमारी में हो रहा इजाफा चिंता का विषय है। डा सैनी ने बताया कि पंजाब में पिछले 5 सालों में हेपेटाइटिस सी से संबंधित दो लाख मामले सामने आए हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत केस ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पंजाब में जिन लोगों का अल्ट्रासाउंड टेस्ट होता है उनमें से हर तीसरा व्यक्ति फैटी लीवर की बीमारी से पीड़ित है। उन्होंने बताया कि यदि फैटी लीवर की समस्या का समय पर पता चलने पर इलाज ना करवाया जाए तो यह बहुत गंभीर बीमारी का रूप धारण कर सकती है। डॉक्टर सैनी ने बताया कि ज्यादातर केसों में शराब का अधिकतर सेवन करने से लीवर खराब होता है क्योंकि अल्कोहल के असर को खत्म करने के लिए कई बार लीवर शरीर में कुछ ऐसे तत्व पैदा कर देता है जिससे शरीर को ही नुकसान होता है। अल्कोहल की अधिक मात्रा के कारण लीवर खराब होने की सूरत में शराब का सेवन न छोड़ने से लीवर पूरी तरह खराब हो जाता है।
डॉक्टर सैनी ने बताया कि शरीर की चमड़ी तथा आंखों में पीला पन (पीलिया) आ जाए तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि फैटी लीवर के पहले व दूसरे चरण तक कोई खास लक्षण नहीं सामने आते। सोहाना अस्पताल की गैस्ट्रो विभाग की कंसलटेंट डॉक्टर जहान्वी धर ने बताया कि नियमित कसरत, शराब का सेवन बंद करने तथा रेशेदार भोजन करने से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान अस्पताल के जरनल मैनेजर से एंड एम ललित शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल में 7 से 14 जून तक चलने वाले लीवर प्रोटेक्शन वीक के दौरान फाइब्रोस्कैन, लिवर फंक्शन, हेपेटाइटिस सी व बी के टेस्ट, माहिर डॉक्टरों की सलाह से आदि शामिल हैं।
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