Wednesday, 13 April 2022

युवा भूपिंदर गुज्जर ने इंटरनेशनल प्रो-रेसलिंग एरिना में अपनी जगह बनाते हुए रीजन और देश को किया गौरवान्वित

By 121 News
Chandigarh April, 13, 2022:- ट्राइसिटी निवासी 27 वर्षीय भूपिंदर गुज्जर, जो इम्पैक्ट रेसलिंग के सबसे नए भारतीय प्रो-रेसलिंग सेंसेशन हैं, सबसे कम उम्र के भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने ट्राइसिटी, क्षेत्र और पूरे देश को एक लोकप्रिय  प्रो-रेसलिंग   खिलाड़ी बनकर गौरवान्वित किया है। वे इंटरनेशनल स्तर पर तेजी से एक सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले प्रो-रेसलर के तौर पर आगे आए हैं। इम्पैक्ट् फेस इन इंडिया बनने पर गुज्जर ने यहां प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी उपलब्धियों के बारे में खुलकर बातचीत की।
 
स्कॉट फ्रांसिस डीअमोर, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, इम्पैक्ट रेसलिंग ने प्रेस मीट में चलाए गए कैनेडा से एक से एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश में कहा कि भूपिंदर गुज्जर को उनके द्वारा प्रशिक्षित किया गया था और वह एक बेहतरीन प्रो-रेसलर के रूप में विकसित हुआ है। उसके पास सब कुछ है जो कि पूरी दुनिया में भारतीयों और भारतीय संस्कृति का एक महान प्रतिनिधि बनने के लिए आवश्यक है। मुझे उन्हें भारत में इम्पैक्ट् 
फेस   के रूप में घोषित करते हुए बहुत खुशी हो रही है।
 
गुज्जर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इम्पैक्ट ने उन्हें भारत में अपना चेहरा चुना है और अब वो प्रो-रेसलिंग के खेल को अगले स्तर पर ले जाने के लिए काम करेंगे।
 
भूपिंदर गुज्जर ने कहा कि रेसलिंग एक महान खेल है और एक अद्भुत एकीकृत ताकत है। इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। भारत के 'इम्पैक्ट फेस' के रूप में अपनी नई भूमिका में वो प्रो-रेसलिंग के बारे में युवाओं में अधिक जागरूकता पैदा करेंगे। 
गुज्जर  ने इंटरनेशनल प्रोफेशनल रेसलिंग एरिना -'इम्पैक्ट रेसलिंग' में अपनी मजबूत छाप छोड़ी है, जिसे पहले टीएनए के नाम से जाना जाता था।
 
एक सवाल के जवाब में कि प्रो-रेसलिंग को स्टेज मैनेज्ड किया जाता है और साथ ही वो 'फेक' है। भूपिंदर ने कहा कि सच्चाई से दूर कुछ भी नहीं हो सकता है। वास्तव में हमें प्रो-रेसलर के रूप में कड़ी मेहनत करनी  पड़ती 
है  और खेल के लिए नया कौशल विकसित करना होता है। अपने प्रतिद्वंद्वी पर  कितना बल उपयोग किया जाना चाहिए, शरीर के किस हिस्से में बल का इस्तेमाल किया जा सकता है, यह सब कुछ वैज्ञानिक रूप से नियोजित है। अन्यथा रेसलर्स को बड़ी चोटें लग सकती हैं। समय का भी बहुत महत्व है। इन कौशलों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रो-रेसलिंग निश्चित रूप से एक ऐसा खेल है जो वेस्टर्न वर्ल्ड और दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों दर्शकों के साथ एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री बन गई है। यह खेल भारत के बेहद प्रतिभाशाली युवाओं के लिए कई अवसर प्रदान करता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुज्जर के साथ उनके ट्राईसिटी बेस्ड कोच सुमित कुमार नारद और हरदीप सिंह मल्ही थे। सुमित ने शुरू में गुज्जर की प्रतिभा की पहचान की थी और उसे किशोरावस्था में प्रशिक्षित भी किया था। सुमित ने कहा कि जब भूपिंदर उनके पास ट्रेनिंग के लिए आए तो उन्होंनेमहसूस किया कि लडक़े को बड़ा बनने के लिए जैनेटिक रूप से 
भगवान द्वारा  उपहार दिया गया था। सुमित के बाद गुज्जर को हरदीप सिंह मल्ही ने प्रशिक्षित किया और कई नए कौशल प्रदान किए ।

गुज्जर चंडीगढ़ के पास परछ गांव के रहने वाले हैं और 'देसी' गांव के लडक़े से बड़े प्रो-रेसलिंग क्षेत्र में नाम बनने की उनकी उपलब्धि वास्तव में उल्लेखनीय है। डैरिल शर्मा के मार्गदर्शन में छह महीने के लिए खली की एकेडमी में उनका प्रशिक्षण उनके लिए गेम चेंजर था और उन्होंने वहां पर काफी कुछ सीखा ।

उन्होंने कहा कि खली एकेडमी में प्रशिक्षण के बाद वो कैनेडा में बॉर्डर सिटी रेसलिंग (बीसीडब्ल्यू) गया, और कैनेडा में एचआर मैनेजमेंट और ईवेंट्स का भी अध्ययन किया।

उनका सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने कैनेडा में सिक्योरिटी सुपरवाइजर के रूप में चार साल, सप्ताह में 20 घंटे काम किया। सप्ताहांत में उन्होंने रेसलिंग आयोजनों में हिस्सा लिया। इम्पैक्ट ने उनकी प्रतिभा को देखा और उनके साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

गौरतलब है कि स्कॉट फ्रांसिस डीअमोर के अलावा जॉनी ब्रावो ने उन्हें कैनेडा में ट्रेनिंग भी दी थी। वह अब इम्पैक्ट प्रोफेशनल रेसलिंग में अमेरिका और कैनेडा में टॉप 10 रेसलर्स में शामिल हैं। गुज्जर ने चार बड़े मुकाबले लड़े हैं और चारों में जीत हासिल की है।

एक सवाल के जवाब में, भूपिंदर ने कहा कि इम्पैक्ट की भारत में आने वाले रेसलिंग शो 'पहलवानी पटाका' के माध्यम से उभरते पहलवानों के लिए अवसरों के दरवाजे खोलने की योजना है, जिसकी सह-मेजबानी उनके द्वारा की जाएगी। शो जो प्री-प्रोडक्शन स्टेज पर है, सोनी 10-2 पर प्रसारित किया जाएगा। शो में पुराने मैच पेश किए जाएंगे और इसका निर्माण हिंदी में किया जा रहा है।

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