By 121 News
Chandigarh Jan.14, 2022:-चंडीगढ़ सेक्टर 56 के एक परिवार ने पलसोरा पुलिस चौकी प्रभारी सतनाम सिंह और 02 कॉन्स्टेबल विद्यानंद और प्रवीण कुमार पर उनके पुत्र की बेरहमी से की गई पिटाई पर रोष जताते हुए चंडीगढ़ पुलिस एस एस पी कुलदीप सिंह चहल और मानवाधिकार आयोग को शिकायत देकर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पीड़ित के पिता राम कुमार ने बताया कि वो सेक्टर 56 में वर्ष 2019 से पहले सट्टा खिलाने के काम करते थे। उस वक़्त जो भी पुलिस कर्मी थे, उनकी इस गैर कानूनी एक्टिविटी के एवज में उनसे बतौर हफ्ता वसूल करते थे। काम छोड़ने के बाद उन्होंने पुलिस को पैसे देने बंद कर दिए। लेकिन पुलिस कर्मी जून 2021 तक उनसे जबरन पैसे वसूलते रहे कि वो अभी भी इस गैरकानूनी एक्टिविटी में संलिप्त है, अगर वो उन्हें पैसे नही देंगे तो वो उन्हें झूठे मामले में फंसा देंगे। राम कुमार ने बताया कि उन्होंने पुलिस कर्मियों को बड़ा समझाया कि वो अब यह सब धंधे बंद कर चुके हैं। लेकिन पुलिस कर्मी उनकी बात सुनने को तैयार ही नही। इस महीने 11 जनवरी, 2022 को भी उन्होंने उससे तुरंत आकर पैसे देकर जाने को कहा। उन्होंने उन्हें समझाया कि एक तो वो शहर से बाहर हैं, दूसरा अब जब वो इस एक्टिविटी में लिप्त ही नही है तो क्यों कर पैसे दें। तब उन्होंने झूठ का मामला तैयार कर उनके 27 वर्षीय पुत्र रामदेव को शाम 07 बजे के करीब पुलिस चौकी में बुला कर उसके ऊपर झूठा मामला दर्ज किया और उसके प्राइवेट पार्ट्स पर आगे पीछे से खूब पीटा और टॉर्चर किया। देर रात करीब 12 बजे तक उसे छोड़ दिया गया। घर आकर उनके पुत्र रामदेव ने उन्हें निर्दयता से पीटे जाने और दर्द की शिकायत की तो वो उसे सेक्टर 16 हॉस्पिटल ले गए। यहां पर डॉक्टर्स ने अच्छी तरह से उसकी जांच पड़ताल के बाद उसकी पिटाई की बात दोहराई। इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए मेडिकल रिपोर्ट के साथ इसकी शिकायत पब्लिक विंडो पर चंडीगढ़ पुलिस के एस एस पी कुलदीप सिंह चहल से कर दोषी पुलिस कर्मियों चौकी प्रभारी एस आई सतनाम सिंह सहित कॉन्स्टेबल परवीन कुमार और विद्यानंद पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। राम कुमार ने कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नही मिलता है तो वो माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
पीड़ित रामदेव के अनुसार उसे धोखे से पुलिस चौकी बुलाया गया था। वहां चौकी इंचार्ज सतनाम सिंह और 02 कॉन्स्टेबल विद्यानंद और परवीन कुमार ने उन्हें खूब पीटा। एक कांस्टेबल तो उनकी पीठ पर बैठा था। जबकि दूसरा उनके पैरों के तलवे में डंडे बरसा रहा था। वो दर्द से चीख चिल्ला रहे थे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। उन्हें बिना वजह ही पुलिस ने झूठे मामले में फंसा दिया है। बल्कि पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें धमकी देकर छोड़ दिया कि अगर इस बात का जिक्र किसी से किया तो वो उसे झूठे मामले में फंसा देंगे। उन्होंने ऐसा कर भी दिया। अब वो अपनी गुहार लेकर आए हैं, ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके।
वहीं जब इस मामले में चौकी इंचार्ज सतनाम सिंह से बात की गई तो उन्होंने उन पर और दोनों कॉन्स्टेबल पर लगाये गयेआरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया। उन्होंने कहा कि रामदेव को सट्टा खिलाने के जुर्म में पकड़ा गया था, जिसको लेकर उस पर मामला दर्ज़ किया गया है। उसके साथ किसी प्रकार की मारपीट नही की गई है।
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