By 121 News
Chandigarh Nov.29, 2021:- हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार नौकरियों की खरीद-फरोख्त के घोटाले से लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। मौजूदा सरकार नहीं चाहती कि नौकरी खरीद-फरोख्त घोटाले की निष्पक्ष जांच हो। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह कहना कि उनके शासन में हुई 85 हजार भर्तियों की जांच संभव नहीं है, जिनकी शिकायत मिली है, उन्हीं की जांच की जाएगी। यह दिखाता है कि सरकार इस महाघोटाले को छिपाने में लगी हुई है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मौजूदा भर्ती घोटाले से साफ है कि पेपर पास कराने से लेकर नौकरी दिलाने तक के पूरे के पूरे पैकेज बेचे गए हैं शिक्षित बेरोजगारों से रुपये लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा ली जाने वाली अध्यापक पात्रता परीक्षा पास कराई गई। इसके बाद और रुपये लेकर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के मार्फत लेक्चरर व हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के जरिए उन्हें टीचर लगवाया गया। यानी, पात्रता परीक्षा पास कराने से लेकर लेक्चरर व टीचर लगवाने तक का टेंडर भर्ती माफिया ने लिया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कोई भी तीन आदमी मिलकर इतना बड़ा नौकरी घोटाला नहीं कर सकते। नौकरियों की इस खरीद-फरोख्त में बड़े सफेदपोशों का भी साथ शामिल हैं। ये सब चेहरे इस घोटाले में बेनकाब न हो जाएं, इसलिए प्रदेश सरकार इस मामले की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने को तैयार नहीं हो रही।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सबसे प्रतिष्ठित एचसीएस एग्जीक्यूटिव की परीक्षा से लेकर ग्रुप डी तक की परीक्षाएं रुपयों के बदले पास कराई गई। इससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व मेहनती युवाओं के सपनों पर पानी फेरा गया।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा का अभी तक का सात साल का राज पेपर लीक और नौकरी घोटालों के लिए जाना जा रहा है। कुमारी सैलजा ने मांग की कि अगर हरियाणा सरकार भर्ती घोटालों का सच सामने लाने की हिम्मत रखती है तो एचएसएससी और एचपीएससी आयोगों को बिना किसी देरी के बर्खास्त किया जाए और इस महाघोटाले की जाँच हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में एसआईटी से करवाई जाए ताकि बड़े से बड़े ओहदों पर बैठे सफेदपोश बेनकाब हो सके। उन्होंने एचएसएससी और एचपीएससी आयोगों के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा कि भविष्य में भर्ती में सुधार करने के उदेश्य से इन आयोगों में एक एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए और यह पैनल जो भी सुझाव दे उनका अनुसरण करते हुए उन सुझावों को सार्वजनिक भी किया जाए।
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