By 121 News
Chandigarh, October 01, 2021:- सिखों के नौवें गुरु हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर के 400वे जन्मदिवस के रूप मे मनाया जा रहा है, गुरु तेग बहादुर जी की शहादत किसी से छुपी हुई नहीं है "गर्दन कटा सकते है लेकिन केश नही" जैसे नारे वाले बलिदान और संत स्वभाव का सबको पता है ऒर अब उनकी वाणी जिसको इंग्लिश के रिटायर्ड प्रोफेसर सरदार बेअंत सिंह आहलूवालिया ने अपनी किताब "अ बुके ऑफ़ गुरु तेग बहादुर साहिब वाणी" के ज़रिये आम आदमी तक पहुंचाने की कामयाब कोशिश की है। उल्लेखनीय है कि प्रोफ़ेसर साहब ने एक मैमोग्राफी और एक बेहद शानदार किताब गुरु जी को समर्पित की है। इसमें उन्होंने गुरु जी की वाणी को न केवल पंजाबी और इंग्लिश बल्कि देवनागरी हिंदी में भी लिखा है। इस पुस्तक को उन्होंने सेक्टर 28 स्तिथ गुरुद्वारा नानकसर साहब के बाबा गुरुदेव सिंह जी के कर कमलों द्वारा अनवरत कराया।
इस बाबत बताते हुए बाबा गुरदेव सिंह ने प्रोफ़ेसर साहब की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए इसी प्रकार सिख धर्म तथा समाज की सेवा करते रहे। प्रोफेसर बेअंत सिंह ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य गुरुद्वारों और स्कूल कॉलेजों में अपनी किताब के जरिए आने वाली पीढ़ी को सिख धर्म की शिक्षाओं से परिचित कराना है। केवल यही किताब नही बल्कि उन्होंने और भी कई किताबों का ट्रांसलेशन किया है। किताब काफी गरिमामयी है। इसको पढ़ने वाला न केवल सिख धर्म बल्कि गुरु तेग बहादुर जी के जन्म, शिक्षाओं विचारों ओर बलिदान से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएगा।
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