By 121 News
Chandigarh July 05, 2021:- फिक्शन से जड़ी किताबों ने हमेशा से ही सोच से परे की घटनाओं और कहानियों से पाठकों को रोमांचित और हैरान किया है। इस प्रकार की कहानियां उस दुनिया की झलक दिखा देती हैं, जिनके बारे में बिना इन कहानियों के अंदाजा लगाना या सोचना मुश्किल हो सकता है। फिक्शन से जड़ी कहानियों में हाल की एक ऐंट्री ने साबित कर दिया है कि लेखक की सोच की कोई सीमा नहीं होती। फिक्शन उपन्यासों की दुनिया में एंट्री करने वाली इस नई किताब का नाम है 'बोरिस - दी लास्ट काहन अलाइव' इसके लेखक हैं मुबारक सिंह संधू। इस नावल को 'नोशन प्रेस प्राइवेट लिमिटेड' कम्पनी द्वारा पब्लिश किया गया है।
इस नावल को खासतौर पर विवेक अत्रे द्वारा रिलीज किया गया जो कि रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं, और मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर हैं। यह किताब पूरी दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में उपलब्ध रहेगी।
यह किताब बोरिस की कहानी बयान करती है जो कि बंजारों के परिवार के साथ जीवन बिता रहा है लेकिन उसका संबंध महान काहन राज्य से है। वह इसी राज्य का वंशज है। काहन राज्य के लीडर यूरा ने क्रेटो द्वारा हमला किए जाने पर अपने राज्य के लोगों का बचाव करने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। बोरिस पर भी अचानक इसी प्रकार की जिन्मेदारी आन पड़ती है जब क्रेटो की नज़र इकारदस राज्य पर पड़ जाती है। बोरिस पर निर्भर करता है कि क्रेटो को स्पीयर आफ न्यूट्रेलिटी से टक्कर दी जाए। कहानी क्या मोड़ लेती है और इस टक्कर में बोरिस को कामयाबी मिल पाती है या नहीं और इस सब संघर्ष के बीच बोरिस के सामने क्या खुलासे होते हैं इसका खुलासा उपन्यास पढऩे वाले पाठकों के पास ही हो पाएगा।
यह कहानी कुर्बानी, जज़बे और सच के लिए खढने ने और लड़ऩे की मिसाल पेश करती है। एक अकेला व्यक्ति किस तरह सारे समाज और अपने राज्य के लिए लड़ता है और उसे किस-किस का साथ मिलता है, यह सब इस रोचक कहानी के दिलचस्प मोड़ों के बाद किताब के अंत तक खुलासा हो पाता है। कहानी के कुछ किरदारों की आपस में कविताओं के रूप में हुई बातचीत पाठकों की कहानी के प्रति और और दिलचस्पी बना देती है।
मुबारक सिंह संधू के बारे में कुछ बातें:- एक इंजीनियर और एक व्यवसायी और फिर एक लेखक के तौर पर मुबारक संधू की जीवन यात्रा मेहनत और संघर्ष के अलावा प्रयासों से भरपूर रही है। मुबारक संधू, जो कि मोहाली शहर के निवासी हैं, ने कभी खेल की दुनिया में कदम रखते हुए यह नहीं सोचा था कि वह एक दिन खुद कोई किताब लिख देंगे। लेकिन शुरू से पढ़ाई-लिखाई और किताबों में रूचि रखने वाले मुबारक ने अंतत: अपने मन में लंबे समय से दस्तक दे रहे बोरिस की कल्पनाओं को एक किताब के रूप में पाठकों तक पहुंचाने का मन बनाया। बुड्ढा दल पब्लिक स्कूल पटियाला से पढ़ाई करने के पश्चात मुबारक ने फतेहगढ़ साहिब से इंजीनियरिंग की और अब उन्होंने अपनी पहली किताब लिखी है। मुबारक का कहना है कि परिवार और दोस्त उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं और उन्हें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
विवेक अत्रे, जो खुद एक मशहूर किताब 'फाइंडिंग सक्सेस विदिन' के लेखक हैं, ने कहा कि मुबारक संधू की कलम में एक अलग किसम का नयापन है और उसकी कल्पना का ढंग भी सरल और तारीफ योग है, और जिसप्रकार से किताब लिखी गई है, वह ना सिर्फ चढ़ती उम्र के बच्चों को पसंद आएगी, बल्कि यह बड़ी उम्र के लोगों के लिए भी दिलचस्पी से भरपूर होगी। कहानी पढक़र स्पष्ट होता है कि कहानी के पात्र अलग नज़रिए से सोचे और लिखे गए हैं।
यह किताब बोरिस की कहानी बयान करती है जो कि बंजारों के परिवार के साथ जीवन बिता रहा है लेकिन उसका संबंध महान काहन राज्य से है। वह इसी राज्य का वंशज है। काहन राज्य के लीडर यूरा ने क्रेटो द्वारा हमला किए जाने पर अपने राज्य के लोगों का बचाव करने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। बोरिस पर भी अचानक इसी प्रकार की जिन्मेदारी आन पड़ती है जब क्रेटो की नज़र इकारदस राज्य पर पड़ जाती है। बोरिस पर निर्भर करता है कि क्रेटो को स्पीयर आफ न्यूट्रेलिटी से टक्कर दी जाए। कहानी क्या मोड़ लेती है और इस टक्कर में बोरिस को कामयाबी मिल पाती है या नहीं और इस सब संघर्ष के बीच बोरिस के सामने क्या खुलासे होते हैं इसका खुलासा उपन्यास पढऩे वाले पाठकों के पास ही हो पाएगा।
यह कहानी कुर्बानी, जज़बे और सच के लिए खढने ने और लड़ऩे की मिसाल पेश करती है। एक अकेला व्यक्ति किस तरह सारे समाज और अपने राज्य के लिए लड़ता है और उसे किस-किस का साथ मिलता है, यह सब इस रोचक कहानी के दिलचस्प मोड़ों के बाद किताब के अंत तक खुलासा हो पाता है। कहानी के कुछ किरदारों की आपस में कविताओं के रूप में हुई बातचीत पाठकों की कहानी के प्रति और और दिलचस्पी बना देती है।
मुबारक सिंह संधू के बारे में कुछ बातें:- एक इंजीनियर और एक व्यवसायी और फिर एक लेखक के तौर पर मुबारक संधू की जीवन यात्रा मेहनत और संघर्ष के अलावा प्रयासों से भरपूर रही है। मुबारक संधू, जो कि मोहाली शहर के निवासी हैं, ने कभी खेल की दुनिया में कदम रखते हुए यह नहीं सोचा था कि वह एक दिन खुद कोई किताब लिख देंगे। लेकिन शुरू से पढ़ाई-लिखाई और किताबों में रूचि रखने वाले मुबारक ने अंतत: अपने मन में लंबे समय से दस्तक दे रहे बोरिस की कल्पनाओं को एक किताब के रूप में पाठकों तक पहुंचाने का मन बनाया। बुड्ढा दल पब्लिक स्कूल पटियाला से पढ़ाई करने के पश्चात मुबारक ने फतेहगढ़ साहिब से इंजीनियरिंग की और अब उन्होंने अपनी पहली किताब लिखी है। मुबारक का कहना है कि परिवार और दोस्त उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं और उन्हें आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
विवेक अत्रे, जो खुद एक मशहूर किताब 'फाइंडिंग सक्सेस विदिन' के लेखक हैं, ने कहा कि मुबारक संधू की कलम में एक अलग किसम का नयापन है और उसकी कल्पना का ढंग भी सरल और तारीफ योग है, और जिसप्रकार से किताब लिखी गई है, वह ना सिर्फ चढ़ती उम्र के बच्चों को पसंद आएगी, बल्कि यह बड़ी उम्र के लोगों के लिए भी दिलचस्पी से भरपूर होगी। कहानी पढक़र स्पष्ट होता है कि कहानी के पात्र अलग नज़रिए से सोचे और लिखे गए हैं।
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