By 121 News
Chandigarh June 27, 2021:- नगर निगम का काम शहर को साफ रखना है। जबकि, चंडीगढ़ में गंदगी का वही मुख्य स्रोत है। उसके कर्मी दिनभर वीआईपी इलाकों से कचरा इकट्ठा करते हैं और फिर जहां कहीं भी खाली जमीन दिखती है, उसे वहां गिरा देते हैं। जिसे आस-पास रहने वाले लोग परेशान हैं सेक्टर 47 कालीबाड़ी लाइट पॉइंट के पास नगर निगम चंडीगढ़ की लापरवाही का खुला खेल हो रहा है नगर निगम चंडीगढ़ की गाड़ियों द्वारा एक नए अस्थायी डंपिंग ग्राउंड के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है जहाँ पर हर घंटे दर्जनों ट्रालियों द्वारा शहर से एकत्रित कूड़ा ओर सूखे पत्तों को गिराया जा रहा हैं डंपिंग ग्राउंड की बदबू से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है इस मौके पर युवा कांग्रेस नेता सुनील यादव ने बताया कि पिछले दो महीने से वे लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से चंडीगढ़ नगर निगम का ध्यान इस समस्या की ओर लाने की कोशिश कर रहे है पर ऐसा लग रहा हैं जैसे नगर निगम कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है इस लापरवाही को ना हॉर्टिकल्चर , एमएचओ, ना ही कोई निगम का अधिकारी देखने के लिए आया नगर निगम की बैठक में सत्ता पक्ष पार्षद लायंस कंपनी की तारीफ करते हुए नही थकते है। कहते है दक्षिणी सेक्टर में दो समय झाड़ू लगती है। हम कंपनी के काम से संतुष्ट है। सवाल यह है कि क्या पार्षदों को गंदगी क्यों नज़र नही आती। यादव ने बताया कि आज पूरा देश करोना की महामारी से बचने के लिए मास्क लगा रहे हैं लेकिन चंडीगढ़ में जगह जगह कूड़े के ढेर लग रहे हैं और इसमें आँग लग रही है और इसके धुए से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है चंडीगढ़ नगर निगम और नगर निगम के कर्मचारी सिर्फ आंखें मूंदे देख रहे हैं निगम का एक भी काम सराहनीय नहीं है। साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है कोई भी कार्य करने को तैयार नहीं है यादव में मीडिया के माध्यम से भी चंडीगढ़ के नागरिकों से अपील की है कि चंडीगढ़ में जहां कहीं भी आगजनी का मामला आपके सामने आता है उसको आप अपने सोशल मीडिया पर डालें ताकि नगर निगम की आंखें खुल सके। यादव ने कहा कि नगर निगम में दर्जनों से ज्यादा कमेटी बनाई है लेकिन जमीनी स्तर पर नगर निगम और उनके पार्षद अपने एरिया में कुछ नहीं कर रहे चंडीगढ़ का नगर निगम कैसे चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी बना रहा है।
स्थानीय लोगों का दर्द
सेक्टर में सफाई का काम सिर्फ कागजों पर ही होता है। निगम को गली-मोहल्लों की चिंता ही नहीं है। सिर्फ वीआईपी इलाकों व मुख्य सड़कों से कचरे का उठाव किया जा रहा है।
सेक्टर में सफाई का काम सिर्फ कागजों पर ही होता है। निगम को गली-मोहल्लों की चिंता ही नहीं है। सिर्फ वीआईपी इलाकों व मुख्य सड़कों से कचरे का उठाव किया जा रहा है।
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