By 121 News
Ludhiana Feb. 06, 2021:- भारत में मरीज़ो में लम्बे समय से चलने वाली बीमारियां काफीहद तक देखी गयी है ,विशेष रूप से लीवर और किडनी के मामले में, जोअंत में ऑर्गन फेल्योर को जन्म देती है। कई मामलों में, जीवन को बचानेके लिए क्षतिग्रस्त अंग को बदलने के लिए प्रत्यारोपण ही एक मात्र साधनहैं। लेकिन जागरूकता की कमी, प्रत्यारोपण की सुविधाओं तक पहुंचऔर उपयुक्त डोनर के कारण कई रोगी इस जीवन रक्षक प्रक्रिया से गुजरनहीं पाते हैं। जागरूकता फैलाने और लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों की पहुंचबढ़ाने के इरादे से, जेपी हॉस्पिटल, नोएडा ने ए.जी.आई - द गैस्ट्रो सीटी, इनसाइड ऑरिजन हॉस्पिटल, बरेवाल रोड, लुधिआना के सहयोग सेओ.पी.डी की शुरुआत की। ओ.पी.डी महीने के हर पहले शनिवार कोसुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक डॉ. पुनीत सिंगला,लिवर ट्रांसप्लांटसर्जन, जेपी हॉस्पिटल, नोएडा द्वारा लिवर से सम्बंधित रोगों के लिएमरीजों को परामर्श उपलब्ध कराने हेतु रखी गयी है । लिवर ट्रांसप्लांट की बात करें, तो पिछले कई सालों में सबसे सफलमेडिकल इनोवेशन में से एक है। एक लिवर फेलियर का मरीज़, जोफेलियर के कुछ महीनों में मर सकता है, वो एक सफल ऑपरेशन के बादसामान्य जीवन जी सकता है। भारत में ट्रांसप्लांट टीमों की सफलता कीदर दुनिया में सबसे अच्छी है, दुनिया भर के मरीज़ यहां ऑपरेशन करानेआते हैं। फिर भी, हमारे देश के कुछ क्षेत्रों के मरीज उन्नत उपचार औरआधुनिक तकनीक जैसी सुविधाओं से लेस केंद्रों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। हाल ही में जेपी अस्पताल नोएडा में हमने 250+ सफल लीवर ट्रांसप्लांटऔर 600+ किडनी ट्रांसप्लांट पूरे किए हैं, जिसमें विभिन ब्लड ग्रुप केडोनर और अन्य गंभीर और जटिल ट्रांसप्लांट के मामले भी शामिल हैं।हमारा अस्पताल सफल लीवर और किडनी प्रत्यारोपण के साथ विश्वस्तरपर सफलता पूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान कर रहा है और अब हम उन्नतसेवाओं के साथ पूरे पंजाब में लिवर ट्रांसप्लांट की सेवा प्रदान करने केलिए तैयार हैं।
नोएडा के जेपी अस्पताल के लिवर ट्रासप्लांट सर्जन डॉ. पुनीत सिंगला नेअपनी विशेषज्ञता को साझा करते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन शैली,शरीर के उचित वजन को बनाए रखने और शराब के सेवन से बचकर , लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। समय पर पता चलने पर लिवर कोप्रभावित करने वाले कई वायरल संक्रमणों का इलाज किया जा सकताहै। हालांकि, लिवर सिरोसिस के एडवांस्ड स्टेज में, चिकित्सा उपचार प्रभावी नहीं है और ऐसे मामलों में प्रत्यारोपण सबसे अच्छा और बेहतर उपचार है।
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