Thursday, 3 December 2020

समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ और बुद्धजीवियों ने किया किसानों का समर्थन

By 121 News

Chandigarh Dec. 03, 2020:- केंद्र द्वारा पास किये गये तीन कृषि कानून के संदर्भ मे चंडीगढ़ की समाजसेवी संस्था समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ ने बुद्धजीवियों के साथ चर्चा की और निष्कर्ष के तौर पर सभी ने किसानों के आंदोलन को सही ठहराया और सरकार से तीनों कानूनों को वापिस लेने की मांग की

इस पर ओंकार सैनी का कहना है कि नये कानून लागू होने से प्राइवेट कंपनियां की भागीदारी खुदरा बाजार में बढ़ जाएगी और शुरुआत में ये कंपनियां सरकारी मंडी के पास प्राइवेट मंडी की स्थापना करेंगे और किसानों से सरकारी तय रेट से ज्यादा में उनकी फसल खरीदेंगे मगर कुछ 2 या 4 साल ज्यादा रेट देने के कारण किसान सरकारी मंडी में नही जाएगा और केंद्र और राज्य मंडी बोर्ड, मार्केट कमेटी घाटे में जाएंगेफिर सरकार सरकारी मंडियों को खजाने पर आर्थिक बोझ बता कर बीएसएनएल जैसे इनको बेच दिया जाएगा और जब मार्केट कमेटी और मंडी टूट जाएगी उसके बाद किसानों का शोषण होना शुरू हो जाएगा और किसानों को फसलों के कम रेट इन कंपनियों द्वारा दिये जायेंगे

नये कानून में इन कंपनियों द्वारा कम रेट देने या फिर तय एग्रीमेंट के तहत काम ना करने पर कोर्ट नहीं जाने का नियम है, जो की बहुत ग़लत हैकिसान कंपनी से झगड़े की सूरत में सिर्फ एस डी एम के पास शिकायत और डी एम स्तर पर अपील कर सकता है I बड़ी बड़ी कंपनियां के वकीलों के आगे गरीब किसान नहीं टिक पाएगा I सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के नियम को नये बने कानून में कोई जगह ना देने से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलना मुश्किल हैइनसे भी किसानों का शोषण होना तय है, ये कहना है समस्या समाधान टीम के मनोज शुक्ला का I  

इस पर प्रवीन का कहना है कि नये कानूनों में से एक कानून के तहत खाद्य पदार्थों के भंडारण पर से रोक हटा ली गई है और अब कोई भी किसी भी खाद्य पदार्थों का भंडारण कर सकता है और सिर्फ जंग या फिर महामारी के समय ही भंडारण नहीं किया जा सकताइससे कालाबाजारी बढ़ेगी और हर एक चीज़ का रेट घटाने बढ़ाने का अधिकार प्राइवेट कंपनियों के पास  चला जाएगाअभी भी देखने में आया है कि इस नियम के लागू होने की तारीख 16 सितंबर के बाद से ही तकरीबन हर चीज का रेट बढ़ गया है, उदहारण के तौर पर पहले एक किलो सरसों का तेल 110 रुपये तक मिलता था मगर अब वही तेल 135 रुपए और उससे ऊपर का बिक रहा हैइस कानून से किसानों को ही नहीं आम जनता को भी महंगाई का सामना करना पड़ेगा और  समाज के  सभी वर्ग प्रभावित होंगे I

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