Saturday, 29 August 2020

राज्य में कोरोना महामारी रोकने में विफल साबित हो चुकी हरियाणा की 'कन्फ्यूज्ड सरकार': कुमारी सैलजा

By 121 News

Chandigarh August 29, 2020:- हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा सप्ताह में दो दिन दुकानें बंद रखने के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी रोकने में विफल साबित हो चुकी हरियाणा की 'कन्फ्यूज्ड सरकार' द्वारा इस संकट के समय लगातार नए-नए तुगलकी फरमान जारी कर हमारे व्यापारी भाइयों को परेशान करने का कार्य किया जा रहा है। हरियाणा की गठबंधन सरकार का व्यापारी विरोधी चेहरा एक बार फिर प्रदेशवासियों के सामने उजागर हो चुका है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले ही केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा नोटबंदी जैसे फैसलों से व्यापारी भाइयों को खासा नुकसान झेलना पड़ा है, जिसकी क्षतिपूर्ति में कई वर्ष लग जाएंगे। अब इस कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए अनियोजित लॉकडाउन के कारण पूरी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इसका सबसे ज्यादा असर भी हमारे व्यापारी भाइयों पर पड़ा है। अब इससे भी पेट नहीं भरा तो व्यापारी भाइयों को परेशान करने के षड्यंत्र के तहत हरियाणा सरकार द्वारा नए-नए जनविरोधी फैसले लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा सरकार द्वारा कहा जाता है कि सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को दुकानें बंद रहेंगी और फिर एक नया फैसला आता है कि शनिवार और रविवार की जगह अब सप्ताह में सोमवार और मंगलवार को दुकानें बंद रहेंगी। यह सरकार पूरी तरह से 'कन्फ्यूज़्ड सरकार' है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले ही हमारे प्रदेश के व्यापारी इस सरकार के निक्कमेपन के कारण खासा नुकसान झेल चुके हैं। उन्हें राहत देने की बजाय सप्ताह में दो दिन दुकानों की बंदी का फैसला उनके लिए और परेशानी बढ़ाने वाला है। सरकार के लगातार रहे ऐसे फैसलों से हमारे व्यापारी भाई आर्थिक तंगी की स्थिति में चुके हैं। आगे स्थिति और भयावह हो सकती है। कोरोना महामारी से ज्यादा असर सरकार के इन तुगलकी फरमानों और कन्फ्यूजन भरे फैसलों ने जनता पर डाला है।

कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार से सवाल पूछे कि क्या इस बंदी के बीच खुलने वाली शराब की दुकानों पर लगने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा

क्या सरकार द्वारा रोडवेज बसों में जो पूरी मात्रा में सवारियां बैठने की इजाजत दी गई है, उससे कोरोना नहीं फैलेगा

आखिर क्यों आनन-फानन में ऐसे तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं?

आखिर क्यों हरियाणा सरकार ने ऐसा फैसला लेने से पहले व्यापारियों से बातचीत करना मुनासिब नहीं समझा?

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