उनका कहना है कि वो लोग सेक्टर 17 सब्ज़ी मंडी में फड़ी लगा सब्ज़ी और फल बेचने वाले हैं और वो लोग पिछले 20-25 साल से सेक्टर 26 सब्ज़ी मंडी में फड़ी लगा सब्ज़ी बेच कर, अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है। हम सब लगभग 100 से अधिक परिवार है, जो फड़ी लगा कर रोजागर कर रहे थे। लेकिन कोरोना के दौरान सेक्टर 26 से सेक्टर 17 में शिफ्ट होने से उनका धंधा ही चौपट हो गया है, और अब बेरोजगार हो गए हैं लेकिन कोरोना के दौरान सेक्टर 26 से सेक्टर 17 में शिफ्ट होने से उनका धंधा ही चौपट हो गया है।शुरू शुरू में तो उन्हें फड़ी लगाने ही नही दी गयी। अब अगर वो फड़ी लगाते है तो नगर निगम के कारिंदे आकर उनका सामान ज़ब्त कर लेते है। विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है। फड़ी सब्ज़ी विक्रेताओं का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो अपना धंधा कैसे चला पाएंगे। कैसे अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे। उनकी तो भूखे मरने की नौबत आ गयी है। वो तो फेस मास्क पहन, सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे सरकारी दिशा निर्देशों की पालना भी कर रहे है। बल्कि खरीदारों को भी इनके प्रति जागरूक करते है।
उन्होंने कहा कि जब उनकी तरफ से नगर निगम और पुलिस का विरोध किया जाता है, तो उन्हें बुरी तरह से डराया धमकाया जाता है। इसके अलावा उनका जो सामान ज़ब्त किया जाता है, न तो उसकी कोई रसीद दी जाती है और न ही उसे कौन से स्टोर में भेजा जाता है। उनका कहना है कि नगर निगम और पुलिस कर्मियों द्वारा उनके यहां से सब्जी और फल ज़ब्त कर लिए जाते है और शायद उसे वो आपस मे ही बांट लेते है। क्योंकि पड़े पड़े तो उन फल सब्ज़ियों के खराब होने के आसार है।
उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम ने उनके साथ ये धक्केशाही बंद न की तो उनके आने वाला वक़्त बद से भी बदतर हो जायेगा और भीख मांग कर परिवार का भरण पोषण करने के लिए नौबत परिवार संग सड़क पर आने वाली हो जाएगी ।
आप से विनती है की उनका और उनके परिवार के बारे में सोचा जाए और यहाँ कहीं भी ये सब्ज़ी मंडी जाए, वहां हमें भी सब्ज़ी फड़ी लगा कर सब्ज़ी बेचने की आज्ञा दी जाये ताकि हम सब भी अपने परिवार का उचित से भरण पोषण कर सके।
इस अवसर पर बाबू राम, नंदू, श्रीपाल, तारा सिंह, हरिचंद, अरुण, लाल मन, अमरजीत सिंह, मुहम्मद आरिफ, अमज़द, जगदीश, अनिल कुमार, बंटी भाटियाऔर नन्हे सिंह सहित श्रीपाल और गिरिराज भी मौजूद थे ।
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