By 121 News
Chandigarh 30th May:- अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियां फेडरेशन पंजाब के सूबा प्रधान अमरीक सिंह बंगड़ और पीएसईबीएससी पावर इंजीनियरिंग और आफिसर्स एसोसिएशन पंजाब के सूबा प्रधान इंजीनियर फकीर चंद जस्सल ने पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर एससी वर्ग की विरोधी होने का आरोप लगाया।
फकीर चंद जस्सल ने पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर एससी वर्ग की विरोधी होने के आरोप लगाए हैं। इन नेताओं ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार इस वर्ग के साथ धोखा कर रही है। जब सामान्य वर्ग को पदोन्नति देनी हो तो हाईकोर्ट के आदेशों को अनदेखा किया जाता है जबकि एससी वर्ग को पदोन्नति देते समय हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देकर पदोन्नति रोक ली जाती हैं। उदाहरण के तौर पर पीडब्ल्यूडी में रनिंग रोस्टर का गलत इस्तेमाल करके एससी अधिकारी को जून 2016 से पदोन्नति नहीं दी जा रही। सामान्य वर्ग से संबंधित इंजीनियर अरुण कुमार को अनुसूचित जाति के हक के विरुद्ध इसी माह मुख्य इंजीनियर बना दिया गया है। इस विभाग में 8 मुख्य इंजीनियर के पदों में 2 एससी वर्ग के पहले मुख्य इंजीनियर थे लेकिन अब एक भी मुख्य इंजीनियर नहीं। इन नेताओं ने कहा कि पीडब्ल्यूडी में निगरान इंजीनियरों, कार्यकारी इंजीनियरों, उपमंडल इंजीनियरों के पदों पर भी एससी वर्ग को पदोन्नति नहीं दी गई, जिस कारण वह बिना तरक्की ही सेवामुक्त हो गए या हो रहे हैं।
पीएसपीसीएल और पीएसटीसीएल में कोई भी डायरेक्टर एससी वर्ग का नहीं है जबकि डायरेक्टर जेनरेशन का पद खाली है। इस समाज की बिजली के 200 यूनिट की रियायत भी पंजाब सरकार ने पत्र जारी करके बंद कर दी है। 20 फरवरी के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार द्वारा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि पदोन्नतियों में आरक्षण लागू रहेगा। इन नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की कि दो मुख्य इंजीनियर पीडब्ल्यूडी में तुरंत नियुक्त किए जाएं और इंजीनियर अरुण कुमार को तुरंत रिवर्ट किया जाए। पीएसपीसीएल में एससी वर्ग के डायरेक्टर जेनरेशन लगाए जाएं और कनेक्शन बंद करने वाला सर्कुलर वापस लिया जाए। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसएलसी 30621 आफ 2011 के फैसले दिनांक 15 मई 2018 के अनुसार आरक्षण जारी रखा जाए। इन नेताओं ने सरकार के चेतावनी दी कि अगर एससी वर्ग से भेदभाव नहीं रुका तो वे सड़कों पर आने पर मजबूर होंगे।
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