By 121 News
Chandigarh 24th January:- क्षेत्र में न हुए विकास को देखते हुए 4 गाँवों ने किया पंजाब चुनाव का बहिष्कार अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार के विकास न होने के कारण कुछ गावों के लोग बहुत परेशान हैं। इसको देखते हुए 4 गावों ने पंजाब चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इसके बारे में जानकारी देने के लिए गाँव के लोगों ने मंगलवार को सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपनी बात सामने रखी। पंजाब चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लेने वाले गाँवों में माजरीया, गुढा कसौली, करोंदा वाला और भिघंडी शामिल हैं। माजरीया के पूर्व सरपंच श्याम लाल, गुढा कसौली की सरपंच सुमन लता, करोंदा वाला से छिंदा सिंह और स्पोर्ट्स क्लब के प्रधान गुरदीप सिंह ने प्रेस से मुलाकात की और अपनी समस्या सामने रखी इन लोगों का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान तो इनके गाँव में लोग वोट मांगने आ जाते हैं पर जब वे लोग नेता बन जाते हैं तोह इनके गाँवों को भूल जाते हैं। अब तक इनके गाँव में किसी प्रकार का विकास नहीं किया गया है। कोई नेता इनके गाँवों पर ध्यान तक नहीं देता है जिसको देखते हुए इन्होंने इस वर्ष पंजाब चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है सरकारे कितना ही दावे करे पर उनकी नाकामियां जाहिर ही हो जाती है ऐसा ही मामला आया है चंडीगढ़ से मात्र एक किलोमीटर दूर पंजाब के खरर जिले मे पड़ते चार पांच गावो का जिनके नाम है 'मॉजरिया, गुड्डा कसौली करोंदा ,भिगांडी अन्य , चंडीगढ़ से तीन किलोमीटर दूर और पंजाब के NEW चंडीगढ़ से मात्र एक किलोमीटर दूर बसे चार से पाच गावो का | जिनके प्रतिनिधियो ने सरकार और वह से निर्वाचित विधायक पर उनके गावो को अनदेखी का जिम्मेवार मानते हुवे कोई भी विकास उनके क्षेत्र न करने को लेकर इस बार के विधानसभा चुनावो का बहिष्कार करने का मन बनाया है| पूर्व सरपंच श्याम लाल ने बताया की उनके क्षेत्र का विकास की और कोई ध्यान नही देता उनके गावो से जुड़ती सड़को का हाल बेहाल है। बारिस के दिनों मे तो वह की सड़के नदियो की तरह बह सी जाती है और कई बार तो गावो का शहरसे संपर्क तक टूट सा जाता है | एक गांव के पंच मखन सिंह ने बताया किं उनके क्षेत्र मे केवल आठवी तक ही स्कूल है आगे की पढ़ाई के लिए बच्चो को कई किलों मीटर दूर जाना पड़ता है। गावो के प्रतिनिधियो ने बताया की मौजूदा विधायक ने भी अपनी सरकार न होने का हवाला देकर आज तक कोई भी विकास नही करवाया और न ही मौजूदा सरकार ने इन गावो की कोई सुध नही ली। अतः सभी गावो ने मिलकर फैसला लिए की वो इस बार के चोनोवो का बहिष्कार करेंगे और किसी भी राजनैतिक पार्टी को वोट नही देंगे। उन्होंने कहा की गाँव की पंचायते तो अपनी जिम्मेवारी निभाती है पर सरकार आपना काम नही करती।
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