By 121 News
Chandigarh 30th March:- जो इन्सान मानुष जन्म में वर्तमान सत्गुरू की शरण में जाकर परमात्मा की जानकारी हासिल करके इससे प्रीत करता है उसका मानुष जन्म का उद्देश्य पूर्ण हो जाता है फिर वह कभी नहीं मरता और सदा अमर रहता लेकिन इसके विपरीत जो परमात्मा की जानकारी से वंचित रह जाते हैं इससे प्रीत नहीं करते उस इन्सान को धार्मिक ग्रन्थों में जीते जी भी मुर्दा कहा गया है, ये उद्गार आज यहां सैक्टर 30-ऐ में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में हरिमोहन सिंह कोहली जी के श्रद्धांजलि समारोह में देहली से आए सन्त निरंकारी मण्डल के महासचिव वी डी नागपाल ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए ।
वी डी नागपाल ने आगे कहा कि मानुष योनि को बाकी अन्य सभी 84 लाख योनियों में से इसलिए महान माना गया है क्योंकि केवल इसी योनि में ही इन्सान अपने मालिक की पहचान कर सकता है अन्य किसी योनि में नहीं । इन्सान तन से बलवान होने, भौतिक पदार्थ या धन-दौलत इकट्ठा कर लेने, शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल कर लेने से महान नहीं होता बल्कि सन्तों वाला जीवन जीने से महान होता है और ऐसा जीवन परमात्मा की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही आरम्भ होता है, जैसा कि धार्मिक ग्रन्थ और इतिहास इस बात के गवाह भी हैं ।इससे पूर्व कार्यकारी समिति के सदस्य श्रीमति जोगिन्द्र जोगी, सेवादल के केन्द्रीय अधिकारी एच एस कोहली, ओ पी निरंकारी, शुभ करण, ज़ोनल इन्चाज डा0 बी एस चीमा व अमरजीत सिंह तथा मोहिन्द्र सिंह संयोजक चण्डीगढ़ ब्रान्च आदि ने भी अपने भाव व्यक्त किए ।
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