Friday, 13 December 2013

विवाहित महिलओं ने दिखाया कैट वॉक का जलवा

By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh 13th December:- किसी ने सच्च ही कहां है कि प्रतिभा को कोई
भी चार दिवारी में बंधक बनाकर नहीं रख सकते है। क्योंकि प्रतिभा की न तो
कोई उमर होती है न ही कोई सिमा। हर इंसान एक प्रतिभाशाली होता है। वह
अपनी प्रतिभा को दूसरे के सामने रखकर अपना लोहा मनाते है। वहीं कई लोगों
की धारना होती है कि यवतियों में शादी के बाद उनकी प्रतिभा खत्म होता
जाती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है, इसी तरह की विवाहित महिलओं की
प्रतिभा को आगे लाने का बिड़ा चंडीगढ़ गिलटरैटी इवेंट तिजेंद्र कौर
सोनिया ने उठाया है। जो की विवाहित महिलाओं की प्रतिभा को बाहर निकालकर
उन्हें बहुत आगे तक लेकर जाने का काम कर रही है। ऐसी ही एक प्रतियोगिता
चंडीगढ़ स्थित सैक्टर-17 होटल पार्क प्लाजा में करवाई गई । जिसमें
विवाहित महिलओं ने रैमप, डांस, कैट वॉक, टैलेंट राऊड और महिलों को उनके
समानों के बारे में जानकारी दी गई ।
चंडीगढ़ गिलटरैटी इवेंट तिजेंद्र कौर सोनिया ने बताया कि मैं छह सालों से
वूमन इन पॉवरमेंट पर काम कर रही हुँ। यह पहली बार है जो विवाहित महिलओं
के लिए प्रतियोगिता करवाई जा रही है। इसमें फैशन शो का आयोजित किया गया
है। इस प्रतियोगिता में रैमप, डांस, कैट वॉक, टैलेंट राऊड करवाए करे गए
है। इसमें विजेयता को 30 से 40 हजार का इनाम भी रखा गया है। जो की उनके
लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीं शादी के महिलएं अपनी प्रतिभा को बाहर नहीं
निकाल सकती लेकिन इस प्रतियोगिता में उनके लिए सोचा गया है। इस
प्रतियोगिता की महिलओं को अधिक उचाईयों तक लेकर जाना उनका अहम मकसद है।
चंडीगढ़ निवासी रूजी ने बताया कि यह विवाहित महिलाओं के लिए बहुत आच्छा
काम कर रहे है। मैं आज 15 साल बाद दुलहन बनी हुँ हमारे लिए बहुत आच्छा लग
रहा है। यह प्रतियोगिता विवाहित महिओं के बहुत अच्छा है । आज तो सजी हुए
अपने सजना और इस सोसाईटी के लिए । अंबाला निवासी मिनाक्षी का कहना है कि
यह प्रतियोगिता करवाई है । यह विवाहित महिलओं के लिए कुछ करने की भआवना
के साथ आगे बढऩे का मौका मिल रहा है। वहीं हममें से कोई महिला मिस इंडिया
के लिए भी जा सकता है। वहीं परिवार के सहयोग के साथ ही हम भाग ले रहे है।
चंडीगढ़ निवासी रूचीका गुप्ता का कहना है कि विवाहित महिलओं के लिए बहुत
अच्छा पलेटफार्म मिला है । इस प्रतियोगिता में भाग लेकर बहुत अच्छा लग
रहा है। ऐसी प्रतियोगिता होनी चाहिए । अपने बच्चे और परिवार के लिए
आत्मबल मिलता है। अपनी इच्छओं को चार दिवारों में दबाकर नहीं रखना चाहिए
। वहीं महिओं को अपनी मरयादा को भी पार नहीं करनी चाहिए । अपने परिवार को
देखते हुए अपनी सिमा को पार नहीं करनी चाहिए।

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