By 1 2 1 News Reporter
Chandigarh, 06th September: --- भारतीय किसान यूनियन के 175 किसान कई जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने शरीर के अंग बेचने की अनुमति मांग रहे है। किसानों की मांग है कि या तो स्वामी नाथम आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए और अब तक का सारा कर्जा माफ किया जाए या फिर किसानों को शरीर के अंग बेचने की अनुमति जी जाए। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह का कहना है कि 10 सितंबर को सभी किसान नाडा साहिब गुरूदूारा पंचकूला में इक्ट्ठे होकर चल रहे विधानसभा सत्र की और कूच करेंगे । इतना ही नहीं यदि सरकार ने हम किसानों की सुनवाई नहीं की तो 15 सितंबर को त्रिवेणी चौंक, रादौर में हरियाणा के मुख्यमंत्री के समांतर रैली करेगें।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह चदूनी का कहना है कि 10 सितंबर को सभी किसान नाडा साहिब गुरूदूारा पंचकूला में इक्ट्ठे होकर चल रहे विधानसभा सत्र की और कूच करेंगे । इतना ही नहीं यदि सरकार ने हम किसानों की सुनवाई नहीं की तो 15 सितंबर को त्रिवेणी चौंक, रादौर में हरियाणा के मुख्यमंत्री के समांतर रैली करेगें। हरियाणा का किसान भारी आर्थिक संकट में फंस गया है क्योंकि किसानों की फसलों की लागत ज्यादा और फसलों के रेट काफी कम है। जिसे लेकर किसान संगठन एम.एस.स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए काफी आंदोलन कर चुके है। यर रिपोर्ट सल 2007 में आई थी परंतु हरियाणा सरकार व केन्द्र सरकार ने किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और न ही स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जिससे किसान अपना कर्जा नहीं उतार सके और कर्ज वसूलने के लिए सरकार ने फोटोयुक्त पोस्टर, जमीन की नीलामियां व धारा 138 के तहत चैकों के केस कोर्ट में लगाकर किसानों की इज्जत से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है। अब किसान बहुत ही बुरी तरह फंस गया है और उसके पास अपनी इज्जत बचाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। यह संकट सरकार की गलत नीतियों के कारण बना है। हरियाणा में किसान ने कर्ज उचारने व जीवन गुजारा चलाने के लिए किसानों ने अपने अंग बेचने का फैंसला लिया है। क्योंकि फसल बेचकर वह सरकार का कर्जा उतारने की हालात में नहीं है।
No comments:
Post a Comment